-
Advertisement
अमेरिकी स्कूल में गोलीबारी में 19 बच्चों व 2 शिक्षकों की मौत, बाइडेन बोले- अब एक्शन लेने का समय
Last Updated on May 25, 2022 by sintu kumar
वॉशिंगटन। अमेरिका में मंगलवार सुबह एक 18 वर्ष के युवक ने टेक्सास के एक प्राथमिक विद्यालय में ताबड़तोड़ गोलिया बरसा कर 19 छात्रों और दो शिक्षकों की हत्या कर दी। साल्वाडोर रामोस के रूप में पहचाने जाने वाले इस युवक ने सबसे पहले अपनी दादी को गोली मारी थी, जो अभी जीवित हैं, मगर गंभीर स्थिति में है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए चार दिन के शोक का ऐलान किया। उन्होंने यह भी कहा कि अब एक्शन का वक्त आ गया है। हिलेरी क्लिंटन ने भी दुख जताया है।वहीं पुलिस की जवाबी कार्रवाई के दौरान शूटर मारा जा चुका है।
यह भी पढ़ें- भारत में मंकीपॉक्स का अलर्ट जारी, मुंबई में बनाया गया आइसोलेशन वार्ड
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि 18 साल का हमलावर पहले अपनी दादी के घर गया। वहां उसने अपनी दादी पर गोली चलाई और फिर स्कूल में घुसा। मिली जानकारी के अनुसार, हमालवर ने स्कूल में घुसते ही अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हमलावर के सामने जो आया उस पर गोली चला दी। एक के बाद एक हमलावर ने पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा के छात्रों पर गोली चलाते हुए 18 बच्चों समेत 21 को मौत के घाट उतार दिया। टेक्सास में सैन एंटोनियो के पश्चिम में लगभग 83 मील की दूरी पर उवाल्डे में रॉब एलीमेंट्री स्कूल में गोलीबारी से पहले, उसने दो असॉल्ट राइफलों खरीदी थी।
व्हाइट हाउस ने बयान में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को टोक्यो से वापस फ्लाइट में शूटिंग के बारे में पता चला। बाइडेन ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें पूछना होगा कि गॉड के नाम पर हम कब बंदूक की लॉबी के खिलाफ खड़े होंगे? बाइडेन ने यात्रा के बारे में कहा कि वह इस तथ्य से चकित थे कि इन अन्य देशों में से किसी ने भी इन गोलीबारी का अनुभव नहीं किया। बाइडेन ने निराशा और गुस्से के साथ कहा, “एक राष्ट्र के रूप में, हमें पूछना होगा कि भगवान के नाम पर हम कब तक बंदूक की लॉबी के लिए खड़े होंगे और इसके खिलाफ क्या कर सकते हैं? जो माता-पिता अपने बच्चों को फिर कभी नहीं देख पाएंगे, उनके बारे में सोचने की जरूरत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब एक्शन लेने का समय है। हमें उन लोगों को बताने की जरूरत है जो इस तरह कानून के खिलाफ जाकर बंदूक उठाते हैं, हम उन्हें माफ नहीं करेंगे।” ऑस्ट्रेलिया में शुरू किए गए बंदूक नियंत्रण कानून को एक मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया गया है। अमेरिका में भी इसकी चर्चा हो चुकी है।
–आईएएनएस