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बड़सर में BJP का नाराज खेमा चार सीटों पर पा गया एक ही चुनाव चिन्ह
बड़सर। भले ही पंचायती राज संस्थाओं (Panchayati Raj Institutions) के चुनाव को गांव-मोहल्ले की सियासत की संज्ञा दी जाती है, लेकिन अब शायद ये गांव-मोहल्ले तक सीमित नहीं रह गई है। सियासत के जो दाव-पेच इस बार देखने को मिल रहे हैं वे हैरान तो करते हैं, साथ ही यह भी साबित करते हैं कि अब प्रदेश के नेता भी इसे हलके में नहीं लेते। अकसर राज्य की सियासत में देखी जाने वाले चुनाव प्रबंधन की उत्कृष्ट बानगी बड़सर विधानसभा क्षेत्र के चार जिला परिषद (Zilla Parishad) वार्डों की सियासत में देखने को मिली है।
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बुधवार का दिन प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह (Election Symbol) आबंटन के लिए तय था। यहां जिला परिषद की चारों सीटों पर बीजेपी का नाराज खेमा चुनावी रण में है। और खास ये है कि इन सभी को एक ही चुनाव चिन्ह किताब आबंटित हुआ। ऐसा बहुत कम होता है कि एक ब्लॉक के चार वार्ड के चार प्रत्याशियों को एक ही चुनाव चिन्ह मिले और अगर वे सभी एक ही खेमे से संबंध रखते हों तो यह कतई आम बात नहीं है। यानि किताब चुनाव चिन्ह ने इनकी एक पहचान स्थापित करने का ही काम किया है।
बड़सर बीजेपी (Barsar BJP) ने बिझड़ी ब्लॉक की चार जिला परिषद सीटों के लिए चार प्रत्याशियों के नाम तय किए। कहा जाता है कि इसके लिए किसी भी नेता या कार्यकर्ता को विश्वास में नहीं लिया। इन नामों पर पार्टी हाईकमान की सहमति से पहले ही मुहर लगा दी गई थी। नतीजा ये हुआ कि नाराज खेमे ने उपमंडल से ही संबंध रखने वाले प्रदेश के एक नेता के वरदहस्त में चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए।