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बिलासपुर ट्रक यूनियन की दो टूक-हमारे हक छीने तो खैर नहीं
बिलासपुर। एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन के ऑपरेटर (Operator) अब फिर से लामबंद होने लगे हैं। या यूं कहें कि मुद्दों की गर्माहट फिर से उबरने लगी है। बीडीटीएस के प्रधान जीत राम गौतम (BDTS head Jeet Ram Gautam) ने सभी ऑपरेटरों को इस नाजुक स्थिति में साथ देने के लिए कहा है। बीडीटीएस ने बीती शाम एसीसी सीमेंट फैक्टरी (ACC Cement Factory) को कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया था। पुलिस की मध्यस्था से फिर फैक्टरी के गेट खुलवाए गए। एसीसी की ओर से की जा रही नाममात्र डिमांड को लेकर ट्रक ऑपरेटरों में भारी रोष है। उनका आरोप है कि एसीसी अपरोक्ष रूप से बीडीटीएस को दरकिनार करते हुए सीमेंट ढुलाई का काम अंबुजा को सौंप रही है। इस कदम से पूरे हिमाचल के ही ट्रक ऑपरेटर बेरोजगार हो जाएंगे। इससे भुखमरी फैलाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर एसीसी ने मनमानी की तो ट्रक ऑपरेटर उग्र रूप धारण कर लेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी। बीडीटीएस प्रधान जीत राम गौतम ने एसीसी सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन पर प्रशासन की हुई मध्यस्थता पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एसीसी सीमेंट प्रबंधन ऑपरेटरों के साथ अनुबंध पर अनुबंध कर वादाखिलाफी कर रही है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से इस पर दोबारा वार्तालाप करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि एसीसी प्रबंधन ने हमेशा वक्त ही जाया किया है।
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ना लंबी दूरी का मिल रहा काम, ना गाड़ियां तीन-चार दिन तक हो रहीं खाली
वहीं एसीसी प्रबंधन ने पंजाब के कुछ बंद डंप डिमांड (Demand) शुरू करने और अप्रैल से मिलने वाले सालाना हाइक (Hike) की बात भी कही थी। मगर आज सभी वादे झूठे ही साबित हो रहे हैं। सीमेंट अनलोडिंगए उखली ए धनोटू एबग्गी हिमाचल डंप पर रिक्वायरमेंट अनुरूप ही सीमेंट डिमांड करने की बात रखी थी और आज भी गाड़ियों तीन-चार दिन तक खाली नहीं हो रही हैं । इसके अलावा हिमाचल (Himachal) के लंबी दूरी के स्टेशनों की डिमांड भी नहीं दी जा रही है। पूर्व में एसीसी द्वारा 15000 मीट्रिक टन सीमेंट ध् क्लिंकर जिसमें 13000 मीट्रिक टन सीमेंट व दो हजार मीट्रिक टन क्लिंकर की डिमांड देने का अनुबंध हुआ था । लेकिन बीते महीने ऑपरेटरों द्वारा जारी लगातार 10 दिन की हड़ताल के बाद हुए अनुबंध में 8000 मीट्रिक टन आगामी 30 नवम्बर तक सीमेंट ढुलाई का अनुबंध हुआ था । बावजूद इसमें एसीसी ने लम्बी दूरी के स्टेशनों के लिए सीमेंट ढुलाई नाम मात्र कर दी और हिमाचल छोटे लोकल डम्पों बग्गी ए धनोटू एउखली ए ढाबन धामी ए फतेहपुर आदि के लिए ही कर रहे है। आज भी पंजाब (Punjab) के डम्पो पर अम्बुजा के प्लांट नवगांव ए नालागढ़, घनौली ए रोपड़ एभटिंडा से एसीसी बैग लगाकर पंजाब के सभी डंपों पर सीमेंट की आपूर्ति की जा रही है । इससे सभा के ऑपरेटरों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और ट्रकों की लोन की किस्तें तथा परिवार का पालन.पोषण करना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा अब ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ने लगा है।