-
Advertisement

Himachal Politics: बिंदल ने मांगी बर्खास्तगी, धर्माणी बोले-खुद मंत्री पद व प्रदेशाध्यक्ष से हो चुके बर्खास्त
Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ और मंत्री राजेश धर्माणी के बीच उपजा विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर अब बीजेपी व कांग्रेस आमने- सामने हैं। कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी (Cabinet Minister Rajesh Dharmani)ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल (BJP State President Dr. Rajiv Bindal) के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- मैंने डॉ राजीव बिंदल की तरह ऐसा कोई कार्य नहीं किया कि पार्टी को उन्हें हटाना पड़े। बतौर स्वास्थ्य मंत्री डॉ बिंदल ने जो काम किया था, जो गुल खिलाए वो पूरा प्रदेश जानता है। बीजेपी( BJP) नेतृत्व ने एक तरह से उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त किया था और प्रदेशाध्यक्ष से पद से भी हटाया था। हमारा काम पूरी तरह से साफ सुथरा है। धर्माणी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कर्मचारियों से सरकार का सहयोग करने की बात कही थी उन्हें धमकाया नहीं था। उनको बयान को तोड़- मरोड़ कर पेश किया है। जाहिर है डॉ बिंदल ने सीएम से अपने मंत्री को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की थी।
महासंघ के कुछ नेता गुंडे मवाली की भाषा का इस्तेमाल कर रहे
सचिवालय कर्मचारी महासंघ (Secretariat Employees Federation)के नेताओं की भाषा पर आपत्ति जताते हुए राजेश धर्माणी ने कहा कि महासंघ के कुछ नेता गुंडे मवाली की तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि उनके कंडक्ट रूल (conduct rule)के भी खिलाफ है। सरकार ने कभी भी कर्मचारियों के डीए और एरियर को देने की मनाही नहीं की है। सचिवालय कर्मचारियों ने बिना मांगपत्र दिए बवाल खड़ा किया है और मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सीएस पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं। राजेश धर्माणी ने कहा कि सचिवालय कर्मचारी महासंघ का के अध्यक्ष सबको सर्टिफिकेट दे रहे हैं और जिस भाषा शैली का इस्तेमाल हुआ वो जायज नहीं थी दायरे में रहकर अपनी बात रखने का सभी को अधिकार है। कुछ लोग सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं।
मंत्री भत्तों में कटौती को तैयार , क्या कर्मचारी करेंगे
राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल के समग्र विकास के लिए सबकी जिम्मेदारी है और सभी कर्मचारी भाई बहन सरकार का अभिन्न अंग है।कांग्रेस सरकार हमेशा से ही कर्मचारी हितैषी रही है। ओल्ड पेंशन स्कीम ( OPS) बहाल की है और अभी तक 7 प्रतिशत डीए दिए गए है। भाजपा सरकार से कर्मचारियों की 9 हजार करोड़ की देनदारी विरासत में मिली है। एनपीएस का 9200 करोड़ रुपए भारत सरकार के पास पेंडिंग है लेकिन उसके लिए कोई धरना नहीं दे रहे। धर्माणी ने कहा कि आज कर्मचारियों की दोनों फेडरेशन से बातचीत हुई और सरकार उनकी उचित मांगों को पूरा करेंगे। 6 महीने का समय सीएम ने मांगा है लेकिन दोनों फेडरेशन ने डीए( DA) को लेकर जल्दबाजी नहीं की है। सचिवालय कर्मचारी महसंघ विधायकों और मंत्रियों को टारगेट कर रहे हैं। मंत्री अपने भत्तों में कटौती को तैयार हैं लेकिन क्या कर्मचारी तैयार है।