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समय के अभाव के कारण नहीं हो पाई कंप्यूटर शिक्षक मामले पर सुनवाई
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल (Judge Ajay Mohan Goel) के समक्ष इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। परंतु समय के अभाव के कारण इन याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो पाई।
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याचिकाकर्ताओं (Petitioners) ने कोर्ट में कंप्यूटर अध्यापकों (Computer Teachers) की भर्ती के लिए 5 वर्ष के अनुभव वाली शर्त को चुनौती दी है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2013 से स्थगन आदेश पारित किए थे जिसके बाद आज तक कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। कंप्यूटर शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर कोर्ट से उनकी सेवाओं को नियमित करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में वर्ष 2002 से आज तक सेवाएं देते आ रहे हैं।
शास्त्री अध्यापकों की भर्ती के लिए बीएड शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य करने की मांग की याचिका खारिज
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने शास्त्री अध्यापकों की भर्ती के लिए बीएड शैक्षणिक योग्यता (BEd Educational Qualification) को अनिवार्य करने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों की ओर से दी गई दलील सुनने के पश्चात फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले के अनुसार बीएड डिग्री धारकों ने 19 फरवरी 2020 की अधिसूचना के तहत करवाई जा रही शास्त्री पदों की भर्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। प्रार्थियों का आरोप था कि सरकार द्वारा शास्त्री पदों पर की जा रही भर्ती में बीएड अनिवार्य नहीं है, जबकि यह भर्ती एनसीटीई (NCTE) दिशानिर्देशों के विपरीत है। प्रार्थियों के अनुसार यह शिक्षा के अधिकार व मौलिक अधिकारों के विपरीत भी है।
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