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हिमाचल हाईकोर्ट ने एनसीटीई अधिसूचना के तहत जेबीटी पद भरने को दी मंजूरी
Last Updated on May 7, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने जेबीटी के पदों को भरने के लिए एनसीटीई (NCTE) द्वारा जारी की अधिसूचना के तहत विचार करने की अनुमति प्रदान की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के आवेदन पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किए कि राज्य सरकार अगर चाहे तो जेबीटी के पदों को एनसीटीई की ओर से 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार भर सकती है । साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि यह भर्ती पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।
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उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2021 को हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती मामलों (JBT Recruitment Case) पर फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया था कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई द्वारा निर्धारित नियम प्राथमिक शिक्षा विभाग के साथ साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। कोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं को मंजूर करते हुए प्रदेश सरकार को यह आदेश दिए थे कि वह 28 जून 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। कोर्ट (Court) के फैसले से जेबीटी पदों (JBT Post) के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे परन्तु बाद में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार (Himachal Govt) की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के अनुसार इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गए।
बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें भी जेबीटी भर्ती के लिए योग्य समझा जाए क्योंकि उन्होंने बीएड डिग्री धारक होने के साथ साथ टेट परीक्षा उतीर्ण की है और एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं। उल्लेखनीय है कि एनसीटीई के नियमों के तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए सशर्त पात्र बनाये गए हैं अतः उन्हें नियुक्ति प्राप्त करने के पश्चात 6 महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना होगा।