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शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर हो रही सुनवाई 28 दिसंबर के लिए टल गई है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ में मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कंप्यूटर अध्यापकों की उस भर्ती नियम को चुनौती दी है जिसके तहत विभाग ने 5 वर्ष का अनुभव को भर्ती के लिये योग्य शर्त बनाया है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले (Computer Teacher Recruitment Case) प्रशानिक ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2013 से स्थगन आदेश पारित किए हैं जिसके बाद आज तक कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। कंप्यूटर शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर कोर्ट से उनकी सेवाओं को नियमित करने का आग्रह किया गया है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में वर्ष 2002 से आज तक सेवाएं देते आ रहे हैं। मामले पर 28 दिसंबर को सुनवाई होगी
प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश जारी किए हैं कि वह फिलहाल राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुमना, शिक्षा खंड बगस्याड, तहसील चच्योट, जिला मण्डी, में अंशकालिक मल्टी टास्क वर्कर (Multi Task Worker) की क्लॉज 18 के तहत मल्टी टास्क वर्कर पॉलिसी 2020 के तहत नियुक्ति ना करें। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यह स्पष्ट किया कि शिक्षा विभाग इस स्कूल में मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती क्लाज 7 के अनुसार करने के लिए स्वतंत्र है। प्रार्थी का आरोप है कि सरकार ने अपने चहेतों को नौकरी दिलाने के लिए इस क्लॉज को रखा है जिसके तहत मुख्यमंत्री बिना किसी शर्त के किसी को भी पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर नियुक्ति दे सकतें हैं।
प्रार्थी का आरोप है कि इस क्लॉज से अन्य पात्र अभ्यर्थियों को नौकरी पाने के लिए साक्षात्कार (Interview) में हिस्सा लेने का कोई मौका नहीं मिलता। प्रार्थी का कहना है कि एक बार पहले भी हाईकोर्ट ने पार्ट टाइम वर्कर पॉलिसी का क्लॉज़ 12 निरस्त किया था। कोर्ट ने मुख्यमंत्री की ऐसी शक्तियों को भेदभाव पूर्ण व मनमाना ठहराते हुए उसे खारिज किया था। अब सरकार ने उसी तरह की शक्तियां नयी पॉलिसी बनाकर सीएम जयराम को दे दी है जो ना केवल गैरकानूनी है बल्कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना भी है। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए संबंधित स्कूल में क्लोज 18 के तहत मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती पर रोक लगाने के आदेश दिए व सरकार से जवाब तलब किया है।
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