-
Advertisement
महिलाओं का धीरज समंदर जैसा, राजीव गांधी के बिल का मैं करूंगी सपोर्ट- बोलीं सोनिया गांधी
कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने नई संसद में महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस( Congress) की ओर से मैं ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023’ के समर्थन में खड़ी हूं। सरकार को चाहिए वो इस बिल को तुरंत लागू करे। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार को ये भी चाहिए कि वो एससी,एसटी और ओबीसी महिलाओं (SC, ST and OBC women) को भी आरक्षण देकर उन्हें भी आगे आने का मौका दें। मैं आपको बता दूं कि महिलाओं को पंचायती राज और नगरपालिकाओं आरक्षण देने के लिए देश में पहली बार कोई बिल लेकर मेरे पति और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी लेकर आए थे। लेकिन वो कुछ वोटों से पारित नहीं हो पाया था। जिसे बाद में नरसिम्हा सरकार ने पारित किया।
महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी का वक्तव्य pic.twitter.com/eWsQfXtEQ8
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
सोनियां गांधी (Sonia Gandhi) ने आगे कहा कि भारत के स्त्री के हृदय में महासागर जैसा धीरज है। उसने सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया है। स्त्री के धौर्य का अंदाज लगाना नामुमकिन है। वह आराम को नहीं पहचानती हैं और थकना भी नहीं जानती है। स्त्री ने सिर्फ हमे जन्म ही नहीं दिया है बल्कि हमें सींच कर बुद्धिमान और शक्तिशाली भी बनाया हैष स्त्री की गरिमा, स्त्री के त्याग की पहचान करके ही हम मनुष्यता में पास हो सकते हैं
उन्होंने आगे कहा कि नए भारत के निर्माण के हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर लड़ी है। खुद मेरी जिंदगी का यह बहुत मार्मिक क्षण है। पहली बार राजीव गांधी( Rajiv Gandhi)ही ये बिल लाए थे जो सात वोट से गिर गया था। बाद में नरसिम्हा राव सरकार ने उसे पारित कराया। आज उसी का नतीजा है कि देश भीर स्थानीय निकायों में चुनी गई 15 लाख महिला नेता हैं। राजीव गांधी जी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है। वो इस बिल के पारित होते ही पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। उन्होंने कहा- मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं कि बीते 13 साल से भारतीय स्त्रियां अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं। उन्हें और इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। क्या ये बर्ताव करना उचित है। कांग्रेस की मांग है कि ये बिल फौरन अमल में लाया जाए लेकिन इसके साथ ही कास्ट सेंसस करा कर एससी एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। सरकार को इसके लिए जो कदम उठाना है वो उठाने ही चाहिए। इस बिल को लागू करने में और देरी करना भारत की स्त्रियों के साथ घोर नाइंसाफी है।