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हिमाचल में एनटीटी करवाने वाले 8 संस्थानों के डिप्लोमा रद्द
शिमला। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से मान्यता लिए बिना नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (Nursery Teacher Training) करवाने वाले हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के आठ निजी शिक्षण संस्थानों से जारी 65 डिप्लोमा अवैध घोषित कर दिया। यही नहीं नियमों का उल्लंघन करने पर एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर (NCFSE Group Of Institution Zirakpur) (पंजाब) पर 34,05,480 रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं इस संस्थान को नौ फीसदी ब्याज सहित छात्रों को फीस लौटाने के आदेश भी दिए गए हैं। इस संस्थान ने प्रदेश के 17 संस्थानों से एनटीटी (NTT) करवाने के लिए एमओयू किया हुआ है।
इसके लिए छात्रों ने दो वर्ष के प्रशिक्षण के लिए 24 से 38 हजार रुपए तक फीस भी भरी है। इसके लिए अधिकृत विभागों से मंजूरी नहीं ली गई है। कुल 17 संस्थानों में से नौ संस्थानों ने आयोग को कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई है। अब इन विभागों पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए आयोग ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए संबंधित विश्वविद्यालयों को भी पत्र जारी किया गया है।
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इस संबंध में आयोग ने जारी विज्ञापनों को देखकर खुद पड़ताल शुरू की थी। वहीं इसी दौरान एक व्यक्ति डॉ डीआर चंदेल (Dr DR Chandel) ने भी आयोग की अदालत में शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने मामले की लंबी सुनवाई करने और संबंधित पक्षों से दस्तावेज देखने के बाद बुधवार को फैसला सुनाया। वहीं अदालत ने कहा कि एमएसएमई टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर मेरठ से एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर की ओर से किए एमओयू समझ से परे हैं। मेरठ सेंटर के शेड्यूल कोर्स में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग शामिल ही नहीं है।
यह सेंटर स्पोर्ट्स से जुड़े कार्य करता है। आयोग की अदालत ने डेरा स्व जगत गिरि ट्रस्ट भडराया नूरपुर, गैलेक्सी इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन घनारी, केएलबी डीएवी कॉलेज ऑफ गर्ल्स पालमपुर, गुरु शिक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग चंबा, क्रिएटिव एजुकेशन सोसायटी धमेटा, एंजल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कुतकाना, संत नवल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफो टेक ऊना और जागृति टीचर ट्रेनिंग कॉलेज डिओधर के शिक्षण संस्थान पर कार्रवाई हुई।
वहीं सरस्वती विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल बंजार, मांटेसरी स्किल्ड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट राजा का बाग नूरपुर, मॉडल पब्लिक स्कूल एसएसएस पंगाणा, प्रोग्रेसिव इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन धमेटा, इंस्टीट्यूट ऑफ फायर एवं सेफ्टी सुंदरनगर, इंडो ग्लोबल एजूकेशन ट्रस्ट पांवटा साहिब, माया मेमोरियल स्कूल भरमौर, फ्यूचर मोटिवेटर कॉलेज ऑफ एजुकेशन रैहन और लिटिल फ्लावर प्ले पब्लिक स्कूल कांगड़ा (Kangra) ने एमओयू की आयोग को जानकारी नहीं दी।
वहीं निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। एनटीटी के मामले में सभी पक्षों से जानकारी जुटाई गई है। उस आधार पर ही अदालत ने फैसला सुनाया।