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13 महीने में कोरोना से 1484 की गई थी जान, मई के 26 दिन में 1433 ने तोड़ा दम
शिमला। आज से करीब 15 महीने पहले जब कोरोना ने हिमाचल में दस्तक (Himachal Corona Case) दी थी तो बहुत सारे हिमाचली इस भ्रम में थे कि यहां के लोग फिट होते हैं, काम करते हैं ऐसे में पहाड़ियों को कुछ नहीं होगा, लेकिन कोरोना (Corona) ने मई महीने में जितना कोहराम मचाया अधिकतर हिमाचलियों का ये वहम भी दूर हो गया होगा। आंकड़े बताते हैं कोरोना ने जितना कोहराम 13 महीने में नहीं मचाया उससे कहीं ज्यादा कोहराम मात्र मई महीने के 26 दिन में ही मचा दिया। हम आपको जो आंकड़े अब बताएंगे उन आंकड़ों को सुनकर ही आप सिहर जाएंगे। हिमाचल में कोरोना का पहला केस (Himachal Corona First Case) 20 मार्च 2020 को दर्ज किया गया था।
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बिंदुवार पढ़ें कोरोना का कहर
मई महीने के 26 दिन में कोरोना के 85 हजार 60 मामले रिपोर्ट हुए।
कोरोना काल में 30 अप्रैल तक 99 हजार 287 रिपोर्ट हुए थे।
मई महीने के 26 दिन में 1433 मौतें हुई।
आज की मौतों को जोड़ लें तो आंकड़ा 1464 जा पहुंचता है।
कोरोना काल में 30 अप्रैल तक 1484 कोरोना मौतें थी।
मई महीने के 26 दिन में ही हर दिन औसतन 57 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई हैं।
अब तक के पूरे कोरोना काल की बात करें तो हिमाचल में कोरोना मृत्यु दर है 1.58 फीसदी।
मई महीने के सिर्फ 26 दिन की बात करें तो कोरोना मृत्यु बढ़कर पहुंच जाती है 1.74 फीसदी।
हिमाचल में बीते 26 दिनों का कोरोना पॉजिटिवटी रेट रहा है 23.94 फीसदी। यानी मई महीने में टेस्टिंग करने पर हर 100 में से 23 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए।
हाई कोर्ट ने कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए कहा था
हिमाचल में कोरोना टेस्टिंग को लेकर लगातार हिमाचल अभी अभी सवाल उठाता रहा है। टेस्टिंग को लेकर हिमाचल अभी अभी ने कई सवाल खड़े किए थे। क्योंकि कोरोना काल में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने फार्मूला दिया था ट्रिपल टी का। ट्रिपट टी यानी टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट, लेकिन टेस्टिंग के जो आंकड़े बता रहे हैं वो ज्यादा संतोषजनकर नहीं हैं। हिमाचल में 26 दिन में टेस्ट हुए 3 लाख 55 हजार 249। यानी हर दिन औसतन 13 हजार 663 टेस्ट हुए, जबकि दो दिन पहले ही हिमाचल हाईकोर्ट ने कहा था कि टेस्टिंग बढ़ाकर 20 से 30 हजार करिए। हिमाचल हाई कोर्ट ने दो दिन पहले हुई सुनवाई में कहा था कि यदि युद्धस्तर पर यानी 20 से 30 हजार से ज्यादा टेस्ट प्रतिदिन नहीं करवाए गए तो मृत्युदर अनुपात बढ़ जाएगा और जब तक आरटी पीसीआर टेस्ट करवाये जाएंगे तब तक इन्क्यूबेशन पीरियड बढ़ जाएगा। स्थिति ऐसी भयावह हो जाएगी कि सरकार के नियंत्रण में ही नहीं रहेगी। कोर्ट ने सरकार के पक्ष को सुनने के पश्चात कहा कि प्रदेश सरकार को एक बार फिर से कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को तेज करना होगा। अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर सरकारों की गति क्या होती है। बीते रोज बुद्ध पूर्णिमा की छुट्टी थी तो हिमाचल में कोरोना टेस्ट मात्र 8 हजार 728 ही किए गए। शायद सरकार को लगता है कि कोरोना छुट्टी के दिन संक्रमण नहीं फैलाता