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अदम्य साहस की नई इबारत को लिखने मुश्किल सफर पर निकला आर्मी का अफसर
लेह। भारतीय सेना (Indian Army) की पहचान है अपने अदम्य साहस के बूते असंभव को भी संभव कर दिखाना। इसकी कई कहानी लिखी गई है। चाहे वह जंग का मैदान हो या खेल का। भारतीय सेना के जवानों हर क्षेत्र में प्रतिभा की नई गाथा गढ़ी है। ऐसी ही एक गाथा लिखने लेह से भारतीय सेना के एक अफसर निकल पड़े हैं। सेना के यह अफसर शनिवार को लेह से दुनिया के सबसे तेज साइकिल चालक का नया गिनीज रिकॉर्ड बनाने के लिए रवाना हुआ है। उनके के रविवार को मनाली पहुंचने की उम्मीद है। इस चुनौतीपूर्ण यात्रा के लिए उसे समुद्र तल से 8,000 मीटर की ऊंचाई पर पांच प्रमुख दरें को पार करते हुए बेहद कम समय में मनाली पहुंचना है।
472 किमी की यात्रा तय करेंगे श्रीपद
मामले की जानकारी साझा करते हुए सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, “वन कॉर्प्स के स्ट्रैटेजिक स्ट्राइकर्स डिवीजन के लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद श्रीराम लेह से मनाली तक ‘सबसे तेज सोलो साइकिलिंग (पुरुष)’ के लिए एक नया गिनीज रिकॉर्ड स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।” सेना के अधिकारी ने बताया कि आज, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीराम ने सुबह 4 बजे लेह से ब्रिगेडियर आर के ठाकुर द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद अपने मिशन के लिए साइकिल यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि अधिकारी लगभग 8,000 मीटर की कुल ऊंचाई के साथ 472 किमी की दूरी को कवर करने का प्रयास करेंगे।
पांच दर्रों को पार कर पहुंचेंगे मनाली
सेना की तरफ से जारी बयान के मुताबिक देश और दुनिया के सबसे दुर्गम रास्ते में कठिन मौसम की स्थिति में पांच प्रमुख दर्रें को पार करना शामिल है। सेना अधिकारी ने कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीपद के 26 सितंबर को दोपहर तक हिमाचल प्रदेश के मनाली पहुंचने की उम्मीद है। सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह आयोजन स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह का एक हिस्सा होने और 195 वें गनर्स डे के अवसर को चिह्न्ति करने करते हुए और अधिक विशेष हो जाता है।