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kangana के भांबला की है ये कहानी, कागजों में चलता रहा काम-धरातल पर है सब साफ
मंडी। सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाले भांबला गांव में 30 वर्ष पूर्व स्थापित औद्योगिक क्षेत्र ( Industrial Area) आज सिर्फ कागजों में ही बनकर रह गया है जबकि धरातल पर यहां उद्योग के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता। याद रहे कि ये वहीं भांबला है जहां से कंगना रनौत ताल्लुक रखती हैं। दी भांबला ट्रक/मिनी ट्रक आपरेटर ट्रांसपोर्ट को-आपरेटिव सोसायटी ( The Bhambala Truck / Mini Truck Operator Transport Co-operative Society) ने औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली को लेकर पूर्व से लेकर मौजूदा सरकार तक को कई बार चेताया लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। सोसायटी के प्रधान कमल सिंह ठाकुर का आरोप है कि लोगों ने इंडस्ट्रीयल एरिया में उद्योग के नाम पर जो जमीनें ली थी आज उनका निजी तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। उद्योगों को बंद करके लोगों ने पक्के रिहायशी मकान बना दिए हैं और उन्हें किराए पर दे दिया है। 1991-92 में जब यह इंडस्ट्रीयल एरिया बना था तो लगभग 50 उद्योगों के लिए जमीन दी गई थी लेकिन आज धरातल पर 5-10 उद्योग ही चल रहे हैं। कमल सिंह ठाकुर ने बताया कि कई बार सीएम जयराम ठाकुर को लिखित में शिकायत देने के बाद भी जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इनका कहना है कि यहां इंडस्ट्रीयल एरिया को सही ढंग से विकसित करके बड़े उद्योग लगाए जाएं ताकि क्षेत्र के हजारों बेरोजगारों को घर द्वार पर रोजगार मिल सके।
34 यूनिट्स वर्किंग में हैं, 2 बंद हो चुके हैं
वहीं उद्योग विभाग के जिला महाप्रबंधक ओपी जरयाल ने औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह कि किसी भी बात से साफ इनकार किया। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 34 यूनिट्स वर्किंग में हैं, 2 बंद हो चुके हैं और 3 को कैंसिल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि इस प्रकार की कोई शिकायत आती है तो उसपर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 1991-92 में राज्य सरकार ने 3.27 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करके भांबला में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया था, लेकिन आज यह औद्योगिक क्षेत्र सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। यहां लोगों को 95 वर्षों की लीज पर सरकारी जमीन दी गई है और अभी तो लीज के 30 वर्ष ही बीतें हैं। यदि अभी भी इस क्षेत्र को सही ढंग से विकसित किया जाए तो यहां रोजगार के कई दरवाजे खुल सकते हैं।