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चौड़ा मैदान में सरकार के खिलाफ गरजे जल रक्षक, पुलिस ने रोका तो हुई धक्का- मुक्की
Jal Rakshak protest at Shimla: हिमाचल में जल रक्षकों (Jal Rakshak)ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को विधानसभा ( Vidhansabha) का घेराव करने के लिए चौड़ा मैदान में काफी तादाद में प्रदेश भर से जल रक्षक एकत्रित हुए और विधानसभा की ओर आने की कोशिश करने लगे तो पुलिस( Police) ने बैरिकेड लगाकर उन्हें चौड़ा मैदान में ही उन्हें रोक दिया लेकिन जल रक्षक बैरिकेड से कूद कर विधानसभा की ओर आने लगे तो पुलिस ने उन्हें वही रोक दिया इस दौरान पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। जलरक्षक सरकार से 12 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले जल रक्षों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाने की मांग रहे हैं।
स्थायी पॉलिसी की मांग
जल रक्षक महासंघ (Jal Rakshak Mahasangh) के अध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि महासंघ की मुख्य मांग उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जा सके, उनके लिए स्थायी पॉलिसी (Permanent Policy)बनाई जा सके और जो 12 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनके लिए पोस्ट सृजित की जाए, ताकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर आ सके। उन्होंने कहा कि कई जलरक्षकों को 12 साल का कार्यकाल पूरा किए हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन अभी तक वो अनुबंध पर भी नहीं आए हैं। पहले भी सीएम और डिप्टी सीएम से मिलकर वो अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बचा चुके हैं, लेकिन उनको हर बार सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है।
जल रक्षकों की मांगों पर कोई गौर नहीं किया
रूप लाल ने कहा कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से अपील की थी की उनकी कॉन्ट्रैक्ट में आने की अवधि को घटाया जाए। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu)ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल रक्षकों की मांगों को कैबिनेट में लाया जाए, लेकिन बावजूद इसके अब तक जल रक्षक महासंघ की मांगों की ओर कोई गौर नहीं किया गया है. जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है। सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है, जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है। जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।