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लोगों की प्यास बुझाने वाले जल रक्षकों के परिवार भूखे-प्यासे, 5 माह से नहीं मिला वेतन
Last Updated on January 17, 2023 by sintu kumar
शिमला। राजधानी शिमला के उपमंडल ठियोग में जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department in Theog) में कार्यरत जल रक्षक (Water Guards) पिछले 5 माह से बिना वेतन के ही लोगों की प्यास बुझा रहे हैं। पांच माह से वेतन ना मिलने से इन जल रक्षकों की लोहड़ी का त्योहार भी फीका रह गया। अब इन जल रक्षकों के सब्र का बांध भी टूटने लगा है।
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जल शक्ति विभाग मतियाना डिविजन के यह जल रक्षक मंगलवार को माकपा नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा (Rakesh Singha) के नेतृत्व में जल निगम के कार्यालय टूटीकंडी पहुंचे और इंजीरियर इन चीफ (Engineer-in-Chief ) को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान राकेश सिंघा ने कहा कि ठियोग के मतियाना डिवीजन में जल रक्षकों को पांच महीने से वेतन नहीं मिला (Not Getting Salary) है। सरकार का तंत्र कानून की उलंघना कर रहा है। घर-घर पानी पंहुचाने वाले आज वेतन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इस संदर्भ में इंजीनियर इन चीफ को ज्ञापन देकर अवगत कराया है और जल्द वेतन देने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इन जल रक्षकों को वेतन नहीं मिला तो यह जलरक्षक काम बंद कर देंगे। यही नहीं इन जल रक्षकों को आंदोलन (Protest) का रास्ता अपनाना पड़ेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी। माकपा नेता राकेश सिंघा का कहना है कि जल रक्षकों को पहले ही काफी कम वेतन मिलता है। यह वेतन भी उन्हें पिछले 5 महीने से नहीं मिल रहा है। ऐसे में उनके लिए घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि इस तरह की अनदेखी से जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) में काम करने वाले कर्मचारियों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। बता दें कि हिमाचल सरकार ने जल रक्षकों को अनुबंध में लाने के लिए 12 साल का समय रखा है। जल रक्षकों का कहना है कि यह काफी बड़ा समय है। इसे कम करके 8 वर्ष किया जाना चाहिए। जल रक्षकों का कहना है कि उन्हें कम से कम 9 हज़ार रुपए वेतन दें, ताकि उन्हें आर्थिक तंगी से ना जूझना पड़े।