-
Advertisement
समय से पहले तिहाड़ जेल से रिहा किए गए Jessica Lal Murder Case के दोषी मनु शर्मा
नई दिल्ली। जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा (Manu Sharma) को सोमवार को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से समय से पहले रिहा कर दिया गया है। बता दें कि दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड ने जेसिका लाल हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा की समय से पहले रिहाई की सिफारिश की थी। जिसके बाद उपराज्यपाल ने अनिल बैजल (Delhi LG Anil Baijal) ने शर्मा समेत 18 अन्य कैदियों के समय से पहले रिहाई वाले आदेश को मंजूरी दे दी।
अच्छे चाल-चलन के कारण सजा पूरी होने के पहले जेल से रिहा किए गए मनु शर्मा
उम्रकैद की सजा काट रहे मनु शर्मा को 1999 में मॉडल जेसिका लाल की हत्या का दोषी पाया गया था। बता दें कि मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वजह जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था। उसका हत्यारा कोई और नहीं मनु शर्मा था। वहीं अब मनु को अच्छे चाल-चलन के कारण आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के पहले जेल से रिहा करने का फैसला किया गया। मनु ने 14 साल की सजा काट भी ली थी। यह छठी बार था जब समय से पहले रिहाई के लिए मनु शर्मा की याचिका सजा समीक्षा बोर्ड के समक्ष रखी गई थी।
यह भी पढ़ें: BJP अध्यक्ष नड्डा ने खेला बड़ा दांव: Delhi समेत तीन राज्यों के पार्टी अध्यक्ष बदले
जेसिका लाल हत्याकांड एक नज़र
- 29-30 अप्रैल, 1999 की रात : साउथ दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में पार्टी में जेसिका की गोली मारकर हत्या।
- 30 अप्रैल, 1999 : अपोलो अस्पताल में डॉक्टरों ने घोषित किया कि जेसिका को अस्पताल में मृत लाया गया था।
- 2 मई, 1999 : मनु शर्मा की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने यूपी के नोएडा से बरामद किया।
- 6 मई, 1999 : चंडीगढ़ की एक अदालत के सामने मनु शर्मा का सरेंडर।
- इसके बाद यूपी के नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव सहित 10 सह अभियुक्तों की गिरफ्तारी।
- 3 अगस्त, 1999 : आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत जेसिका मर्डर केस में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट।
- 31 जनवरी, 2000 : मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस केस को सेशन कोर्ट को सुपुर्द किया।
- 23 नवंबर, 2000 : सेशन कोर्ट ने हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ आरोप तय किए।
- एक आरोपी अमित झिंगन बरी और रविंदर उर्फ टीटू को भगोड़ा घोषित किया।
- 2 मई, 2001 : कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की।
- 3 मई, 2001 : चश्मदीद गवाह श्यान मुंशी अपने बयान से मुकरा, कोर्ट में उसने मनु की शिनाख्त नहीं की।
- 5 मई, 2001 : कुतुब कोलोनेड में इलेक्ट्रिशियन एक अन्य चश्मदीद शिव दास भी अपने बयान से मुकरा।
- 16 मई, 2001 : तीसरा प्रमुख गवाह करन राजपूत भी अपने बयान से मुकरा।
- 6 जुलाई, 2001 : एक गवाह मालिनी रमानी ने मनु शर्मा की शिनाख्त की।
- 12 अक्तूबर, 2001 : रेस्टोरेंट और बार मालकिन बीना रमानी ने भी मनु की शिनाख्त की।
- 17 अक्तूबर, 2001 : बीना के कनाडाई पति जार्ज मेलहोत ने गवाही दी और मनु शर्मा की शिनाख्त की।
- 20 जुलाई, 2004 : विवादास्पद जांच अधिकारी सुरिंदर शर्मा ने गवाही दी।
- 21 फरवरी, 2006 : लोअर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ अभियुक्तों को बरी किया।
- 13 मार्च, 2006 : दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में अपील दायर की।
- 3 अक्तूबर, 2006 : हाईकोर्ट ने इस अपील पर नियमित आधार पर सुनवाई शुरू की।
- 29 नवंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
- 18 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया।
- आलोक खन्ना, विकास गिल, हरविंदर सिंह चोपड़ा, राजा चोपड़ा, श्याम सुंदर शर्मा और योगराज सिंह बरी हुए।
- 20 दिसंबर, 2006 : हाईकोर्ट ने मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
- सह अभियुक्त अमरदीप सिंह गिल और विकास यादव को चार साल की जेल की सजा और तीन हजार का जुर्माना।
- 2 फरवरी, 2007 : मनु शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।
- 8 मार्च, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की अपील स्वीकार की।
- 27 नवंबर, 2007 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु की जमानत की दलील खारिज की।
- 12 मई, 2008 : सुप्रीम कोर्ट ने मनु शर्मा की जमानत याचिका फिर से खारिज की।
- 19 अप्रैल, 2010 : फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।
- 2 जून, 2020: अच्छे चाल-चलन के कारण आजीवन कारावास की सजा पूरी होने के पहले जेल से रिहा किए गए मनु शर्मा।