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Covid-19 संकट के बीच एकजुट हुआ विपक्ष: सोनिया गांधी बोलीं- आर्थिक पैकेज देश के साथ क्रूर मजाक
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विपक्षी दलों की बैठक चल हुई। इस बैठक से एसपी (SP), बीएसपी (BSP) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने किनारा कर लिया है। बैठक में ना शामिल होने के मसले पर इन दलों की तरफ से बताया गया है कि उन्हें इस बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं भेजा गया था। बैठक की शुरुआत में चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan) में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इस बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ करारे वार किए।
कोरोना वायरस का किसी जाति, धर्म, मजहब से लेनादेना नहीं है
LIVE: Special Congress Party Briefing by Shri @rssurjewala, I/ C, Communication via video conferencing https://t.co/Dfj7D8GstH
— Congress (@INCIndia) May 22, 2020
सोनिया गांधी ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि दुनिया के साथ साथ भारत भी मुश्किल दौर से गुजर रहा है। संकट की इस घड़ी में हमें एक साथ मिलकर उठ खड़ा होने की जरूरत है। कोरोना वायरस का किसी जाति, धर्म, मजहब से लेनादेना नहीं है। उसके शिकंजे में कोई भी शख्स आ सकता है। लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार इस मामले को देख रही है उससे लगता है कि सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है। सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ के आर्खिक पैकेज का ऐलान किया गया है। लेकिन देखा जाए तो वो राहत पैकेज कम कर्ज वाला पैकेज ज्यादा नजर आता है।
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लॉकडाउन से कोई नतीजा नहीं निकला : राहुल गांधी
वहीं इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन का कोई नतीजा सामने नहीं आया। राहुल गांधी ने कहा, लॉकडाउन के दो मकसद थे, बीमारी (कोरोना) को रोकना और इसके प्रसार को रोकना लेकिन संक्रमण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, आज संक्रमण बढ़ रहा है लेकिन हम लॉकडाउन को हटा रहे हैं। इसका मतलब है कि लॉकडाउन को बिना सोचे समझे लागू किया गया और इसने सही परिणाम नहीं दिया। राहुल ने कहा कि लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। लेकिन सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है और ना ही 7,500 रुपए नकद उनके खातों में डाल रही है। अगर उन्हें राशन नहीं दिया जाता है, अगर प्रवासियों और एमएसएमई कामगारों की मदद नहीं की जाती है तो यह भयावह होगा।
इसे तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दोनों राज्यों की मदद की जाए
Meeting of the 22 like minded Political Parties begins virtually to dicuss Covid-19 & economic pandemic.
Meeting condoles the deaths caused by Amphan Cyclon in West Bengal & Orissa.
Smt. Sonia Gandhi delivers her opening remarks.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 22, 2020
इस बैठक में कांग्रेस समेत देश के 22 विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात अम्फान से हुए जानमाल के भारी नुकसान पर दुख जताते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इसे तत्काल राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दोनों राज्यों की मदद की जाए। इस विषय पर अपनी बात रखते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि इस समय, राहत और पुनर्वास सबसे प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन इस तरह की आपदा के परिणामस्वरूप अन्य बीमारियों के प्रकोप की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि विपक्षी दलों की तरफ से एच डी देवगौड़ा, शरद पवार, एम के स्टालिन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, उमर अब्दुल्ला, के सी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए हैं।