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#Shimla: संदीप शर्मा ने निभाई गुरू-शिष्य की परंपरा, Merit में आई दो छात्राओं को दिए एक-एक लाख
Last Updated on September 2, 2020 by Vishal Rana
शिमला। गुरू-शिष्य परंपरा का आदिकाल से प्रचलन है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी कई शिक्षकों ने इस परंपरा को कायम रखा हुआ है। इसका जीवन्त उदाहरण हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चियोग के प्रधानाचार्य (Principal of Senior Secondary School Chiog) संदीप शर्मा हैं। संदीप शर्मा ने गुरू दक्षिणा के रूप में दो बालिकाओं को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि पर एक-एक लाख रुपए की राशि अपनी जेब से नकद पुरस्कार (Prize) के रूप में दी है। संदीप शर्मा ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चियोग के अधीन आने वाले कलस्टर स्कूलों में दस जमा दो की शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों से वायदा किया था कि जो विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा (Board Exam) की मेरिट सूची में टॉप टेन में अपना स्थान बनाएगा, उन्हें वह अपनी जेब से एक-एक लाख का नकद पुरस्कार देंगे। संदीप शर्मा के इस प्रशंसनिय कार्य की चारों ओर काफी चर्चा हो रही है कि बदलते परिवेश में भी संदीप शर्मा (Sandeep Sharma) जैसी महान हस्तियां सरकारी स्कूलों में कार्यरत है जोकि अपने शिष्यों के भविष्य के प्रति बहुत चिंतित हैं।
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बता दें कि संदीप शर्मा के प्रोत्साहन से चियोग स्कूल की जमा दो की छात्रा रही सिमरन ने वाणिज्य संकाय में इस वर्ष राज्य में 483 अंक प्राप्त करके तीसरा स्थान हासिल किया है। वहीं, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुग्गर की छात्रा साक्षी शर्मा ने कला संकाय में राज्य में 484 अंक हासिल करके चौथा स्थान हासिल किया है। जुग्गर स्कूल कलस्टर के तहत चियोग स्कूल के अधीन ही आता है। हालांकि साक्षी शर्मा परीक्षा परिणाम घोषित होने के दौरान आठवें स्थान पर रही थीए बाद में उनके द्वारा पुनर्मूल्यांकन करवाए जाने पर यह छात्र मेरिट सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया। प्रधानाचार्य संदीप कुमार शर्मा ने दोनों छात्राओं का आगे की पढ़ाई के लिए भी मार्गदर्शन किया। दोनों छात्राओं ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज संजौली में प्रवेश लिया है। गौर रहे कि सिमरन के पिता चालक और माता गृहिणी है जबकि साक्षी कसुम्पटी निर्वाचन क्षेत्र के दूरदराज गांव जुग्गर से एक गरीब किसान की बेटी है। संदीप शर्मा के इस पुनीत कार्य से अन्य शिक्षक वर्ग भी प्रेरणा लेगें।