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Political Crisis: दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांके सीएम सुक्खू
शिमला। हिमाचल कांग्रेस (Himachal Congress) के 6 बागियों (Six Rebel) और तीन निर्दलीय विधायकों ने पहली बार एक साथ संयुक्त बयान जारी करके सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Cm Sukhvinder Singh Sukhu) पर जोरदार हमला बोला है। सभी ने कहा है कि सीएम सुक्खू को दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि मौजूदा स्थिति के लिए असली गुनहगार कौन है और किसने यह स्थितियां पैदा की।
स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता व्यक्ति
इन नेताओं ने कहा कि एक तरफ सीएम बार-बार उनसे किसी भी सूरत में समझौता कर लेने की एप्रोच कर रहे हैं और दूसरी तरफ नागों और भेड़ों से उनकी तुलना कर रहे हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इन नेताओं ने कहा कि कोई भी व्यक्ति हर चीज से समझौता कर सकता है लेकिन स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता और वे स्वाभिमान (Self Respect) की लड़ाई लड़ रहे हैं।
फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे सीएम?
इन नेताओं ने संयुक्त बयान में कटाक्ष करते हुए यह भी पूछा है कि अगर सीएम इतने ही साफ सुथरे हैं तो उन्हें प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए कि वह अपने चंडीगढ़ के आधिकारिक दौरे के दौरान हिमाचल भवन में बने सीएम सूट में रुकने की बजाय फाइव स्टार होटल में क्यों रुकते थे और सिक्योरिटी वालों को भी आगे पीछे क्यों कर देते थे। इसके पीछे सीएम का क्या एजेंडा और क्या राज रहता था? यह राज प्रदेश की जनता को भी मालूम होना चाहिए। परदे के पीछे वह क्या खेल खेलते थे, यह जानकारी जनता को देने का नैतिक साहस भी उन्हें दिखाना चाहिए।
चुने हुए विधायकों को सवा साल से जलील किया
इन नेताओं ने कहा कि सरकार विधायकों के समर्थन से चलती है लेकिन सीएम सुक्खू अपनी मित्र मंडली को तरजीह देकर चुने हुए विधायकों को पिछले सवा साल से जलील कर रहे थे। मित्र मंडली विधायकों के ऊपर हावी हो रही थी और सीएम से बार-बार इस बारे आग्रह भी किया गया था लेकिन वे तानाशाह की तरह रवैया अपनाए रहे। इन नेताओं ने कहा कि चुने हुए विधायक अगर जनता के काम नहीं करेंगे तो वह जनता के बीच कैसे जाएंगे।
जनता जानती है “कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्र“ क्या गुल खिला रहे
इन नेताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता यह भी भलीभांति जानती है कि “कैबिनेट रैंक प्राप्त मित्र“ इस सरकार में क्या गुल खिला रहे हैं और कितनी लूट मचा रखी है। साथ उन्होंने यह भी सवाल किया है कि प्रदेश में सरकार के गठन में इन मित्रों का क्या योगदान है, यह भी जनता को बताया जाना चाहिए। जनता के चुने हुए विधायकों को नजरअंदाज करके मित्रों को खुली छूट देने, रेवड़ियों की तरह उन्हें कैबिनेट रैंक से नवाजने और विधायकों को जलील करने को ही क्या व्यवस्था परिवर्तन कहा जाता है..?
हिमाचल के स्वाभिमान से समझौता नहीं
हिमाचल के स्वाभिमान से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जा सकता और सीएम को प्रदेश की जनता को यह भी बताना होगा कि जो व्यक्ति हिमाचल प्रदेश के हितों के खिलाफ हमेशा लड़ता रहा हो, उसे पार्टी का टिकट देकर राज्यसभा में भेजने के पीछे क्या मंशा थी और क्या मजबूरी थी। इन नेताओं ने कहा कि इस सरकार में जो लोग स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी रहे हैं, उनमें से 9 तो खुलकर बाहर आ गए हैं लेकिन कुछ तो मंत्री होकर भी सुक्खू की सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी क्या मजबूरी है, यह वही बेहतर बता सकते हैं।
पूरे देश में कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही
इन नेताओं ने कहा कि सीएम को प्रदेश की जनता को यह भी साफ-साफ बताना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां पैदा होने के पीछे असली गुनहगार सीएम खुद हैं या हाई कमान है या कोई और है। पूरे देश में कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखर रही है लेकिन रस्सी जल गई पर बल नहीं गया वाली कहावत भी कांग्रेस नेतृत्व पर ही चरितार्थ होती है।
-लेखराज