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अद्भुत: पत्थरों के बर्तन व हस्तलिखित बौध ग्रंथ बने आकर्षण: देखें तस्वीरें
केलांग। स्नो फेस्टिवल में मंगलवार को पत्थर के पांरम्परिक बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई गई। इन बर्तनों का इस्तेमाल आज भी लोग कर रहे हैं। इसके अलावा लोसर पंचायत के कयाटो गांव में हस्तलिखित बौध ग्रंथ (Handwritten Buddhist book) भी देखने को मिला।
बता दें स्नो फेस्टिवल (Snow Festival) के तहत मंगलवार को लोसर पंचायत के कयाटो गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नायब तहसीलदार विद्या सिंह नेगी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मुख्यातिथि ने दीप प्रज्जवलित करके कार्यक्रम की शुरूआत की। इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।
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इस अवसर पर नेगी ने कहा कि स्नो फेस्टिवल मनाने का उद्देश्य लाहुली संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने लाना है। इस त्यौहार में पारंपरिक पद्धति को आगे लेकर जाना है। हमारा उदेश्य अपनी संस्कृति को पर्यटन से जोड़ना है, ताकि लोगों की आर्थिकी मजबूत हो सके। लोगों की आय में वृद्धि हो सके।
हमें अपनी संस्कृति से दूर नहीं भागना है, बल्कि इसका प्रचार प्रसार करके अपना रोजगार पैदा करना है। लाहुल स्पीति (lahaul spiti ) में बड़ी धूमधाम से इस फेस्टिवल को मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्पीति में सबसे पुरानी सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं। हिमालय क्षेत्र की जनजातीय संस्कृति काफी समृद्ध है।
इस दौरान कार्यक्रम में बर्फ से मिटटी का घर छौरतेन, आइबेक्स, मुर्गी के अंडों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम में याक को भी सजा कर प्रदर्शित किया गया था।