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विमल नेगी मौत मामले में कौन बना बलि का बकरा, किस पर नजरें इनायत-देखें रिपोर्ट
Vimal Negi Case : पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu Govt) की सरकार ने तीन बडे अधिकारियों को जबरन छुट्टी (Force Leave) पर भेज दिया था। 27 मई को सीएम सुक्खू पूरे एक्शन में दिखे थे,उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा, हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक डॉ अतुल वर्मा (Dr Atul Verma) और शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी पर ये एक्शन लिया था। इनका कसूर ये था कि आपसी तालमेल ना होने के चलते सरकार को लगा कि उसकी विमल नेगी की मौत के मामले में किरकिरी हुई। इसके चलते ही हिमाचल हाईकोर्ट ने विमल नेगी की मौत के मामले की जांच सीबीआई (CBI) के सुपुर्द कर दी।
ओंकार शर्मा से सभी अहम विभाग वापस ले लिए गए
खैर तत्कालीन (DGP Himachal) पुलिस महानिदेशक डॉ अतुल वर्मा इसी बीच रिटायर भी हो गए। लेकिन सीबीआई जांच के बीच छुट्टी पर भेजे गए एसीएस ओंकार शर्मा (Onkar Sharma) को सरकार ने वापस ड्यूटी पर तो ले लिया लेकिन उनसे सभी अहम विभाग वापस ले लिए गए। उन्हें केवल जनजातीय विकास विभाग का जिम्मा सौंपा गया। जबरन छुट्टी पर भेजे जाने से पहले ओंकार शर्मा गृह और राजस्व जैसे अहम विभाग देख रहे थे। अब इसके बाद बारी आती है आईपीएस संजीव गांधी की,सरकार उन्हें भी जबरी छुट्टी से 24 जून को वापस ड्यूटी पर लेती है,और उन्हें वहीं कुर्सी देती है,जो जबरन छुट्टी पर भेजने से पहले गांधी के पास थी। यानी एसपी शिमला गांधी पहले भी थे और जबरन छुट्टी से लौटने के बाद भी। यानी प्रदेश के पूर्व डीजीपी डॉ अतुल वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जिला शिमला के एसपी संजीव गांधी ने 29 दिनों के बाद बीते कल कार्यभार संभाल लिया।
अतुल वर्मा समेत कई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठाए थे सवाल
विमल नेगी (Vimal Negi Case) मामले की सीबीआई को जांच सौंपने के हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद एसपी शिमला ने पत्रकार वार्ता कर तत्कालीन डीजीपी अतुल वर्मा समेत कई अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया था। तत्कालीन डीजीपी डॉ अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजीव गांधी (SP Shimla Sanjeev Gandhi) को अनुशासनहीनता व आपसी खींचतान पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए थे। अब इसमें अतुल वर्मा तो रिटायर होकर निकल लिए। ओंकार शर्मा बलि का बकरा बन गए। जबकि गांधी पर सरकार पूरी मेहरबान बनी रही। इस वीडियो को देखने के बाद कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें।
-पंकज शर्मा
