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पूर्व PAK पेसर ने कहा- मुझे नहीं लगता था 16 साल का वो लड़का ग्रेट Sachin Tendulkar बनेगा
Last Updated on July 4, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज वकार यूनुस (Waqar Younis) ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के डेब्यू (Debut) को याद किया है। सचिन तेंदुलकर ने महज 16 साल की उम्र में 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसी साल पाकिस्तान (Pakistan) की टीम में तेज गेंदबाज वकार यूनुस की भी एंट्री हुई थी। कराची में हुए उस डेब्यू में वकार ने तत्कालीन भारतीय किशोर का विकेट हासिल किया था और वह ‘सचिन’ का विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने थे। वकार ने हाल में एक इंटरव्यू में बताया कि उस समय तेंदुलकर के बारे में वो और उनके साथी खिलाड़ी क्या सोच रहे थे। वकार ने बताया कि सचिन के बारे में सुनकर उनका पहला रिऐक्शन क्या था।
स्कूल में ट्रिपल सेंचुरी कौन जड़ता है?
वकार ने कहा कि पूरी अंडर-19 भारतीय टीम (Under-19 Indian Team) सचिन के बारे में बात कर रही थी। सब यही बात कर रहे थे, कि यह छोटा सा लड़का कितना अच्छा खेलता है। वो तब बस स्कूल जाने वाला लड़का था, स्कूल में ट्रिपल सेंचुरी जड़ने वाला, स्कूल में ट्रिपल सेंचुरी कौन जड़ता है? स्कूल में सेंचुरी जड़ना ही बड़ी बात है। पूर्व पाकिस्तानी पेसर ने आगे कहा कि हमें पता था कि एक लड़का आ रहा है, जो शानदार खेलता है। पहली नजर में मुझे नहीं लगा था कि यह लड़का ग्रेट सचिन तेंदुलकर बनेगा, जो वो आज है। उसने जो भी इतने सालों में किया वो शानदार है। उस समय मुझे नहीं लगा था कि वो क्रिकेट में इतना बड़ा नाम बनेगा, लेकिन उसकी कड़ी मेहनत रंग लेकर आई। सचिन तेंदुलकर ने अपने डेब्यू टेस्ट के दौरान भारत की पहली पारी में 24 गेंदों का सामना किया और 15 रन बनाए। वकार ने सचिन को अपने शानदार इनस्विंगर से क्लीन बोल्ड किया था।
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वकार की गेंद से चोटिल हुए थे सचिन
वकार ने इस विकेट का जिक्र करते हुए कहा कि पहला टेस्ट कराची में था और मैंने उसे (सचिन) जल्दी आउट कर दिया था। मुझे लगता है कि उसने 15 रन बनाए होंगे। उसने अपनी छोटी पारी के दौरान दो अच्छे ऑन और स्ट्रेट ड्राइव खेले। उस सीरीज में सियालकोट के ग्रीन टॉप विकेट पर वह अर्धशतक (57) जड़ने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा, ‘हम रिजल्ट चाहते थे। हम चाहते थे कि सीरीज का परिणाम निकले (सियालकोट में चार टेस्ट मैचों की सीरीज का आखिरी टेस्ट था)। हमने ग्रीन टॉप विकेट बनाया था। वह (सचिन) खेलने उतारा। शुरू में ही उसे नाक पर गेंद लगी। 16 साल का बच्चा, चोट के बाद बिल्कुल पीला-सा पड़ गया था, लेकिन बहुत दृढ़ था।’ वकार ने कहा, ‘मुझे याद है कि सिद्धू (नवजोत सिंह सिद्धू) उनके साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। दोनों ने दोबारा तैयार होने में पांच-सात मिनट लिए और फिर से तैयार हो गए। सचिन ने फिफ्टी पूरी की।’ आखिरकार वह टेस्ट सीरीज ड्रॉ रही।