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हिमाचलः बारिश में भी डटे एनएचएम कर्मी, चक्का जाम के लिए दी धमकी
धर्मशाला/शिमला। बारिश के बावजूद एनएचएम (NHM) कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। जोनल अस्पताल धर्मशाला (Dharmshala) और सीएमओ ऑफिस में कार्यरत एनएचएम कर्मियों का कहना है कि यदि मांगें न मानी गई तो सरकार का घेराव किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो अपने हितों के लिए कर्मचारी चक्का जाम करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। एनएचएम कर्मचारी धर्मशाला अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हड़ताल पर बैठे रहे। एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला महासचिव बख्शीश सिंह का कहना है कि लंबे समय से हम लोग स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। कई बार इस वर्ग के नियमितिकरण व स्थायी नीति बनाने की मांग भी उठाई गई, लेकिन सरकार ने कोई गौर नहीं किया है।
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हड़ताल का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने किया स्वागत
उधर, एनएचएम अनुबंध कर्मचारियों की हड़ताल का अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (Non Gazetted Employees Federation) ने स्वागत किया है। महासंघ के जिलाध्यक्ष कांगड़ा अजय खट्टा ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अनुबंध कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कहा कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी ठाकुर के नेतृत्व में इनकी मांगों को शीघ्र प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष रखेगा और इन अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर करने को लेकर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से आग्रह किया जाएगा। अजय खट्टा ने कहा कि सरकार को इन अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा करके इनसे न्याय करना चाहिए । उन्होंने कहा कि अराजपत्रित महासंघ जिला कांगड़ा इन कर्मचारियों का समर्थन करता है।
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23 सालों से प्रदेश सरकार कर रही शोषण
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व नेशनल हेल्थ मिशन एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत सैंकड़ों मजदूरों का पिछले 23 सालों से शोषण कर रही हैं। इतने वर्ष बीतने के बावजूद इन कर्मियों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है। इस दौरान कई कर्मचारी रिटायर हो गए, परंतु न तो उन्हें ग्रेच्युटी मिली और न ही उनके लिए पेंशन का प्रावधान हुआ। उन्होंने मांग की कि इन कर्मियों के लिए तुरंत नीति बनाकर इन्हें नियमित किया जाए। उनके वेतन में बढ़ोतरी की जाए। उन्हें देश के माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 26 अक्टूबर, 2018 को समान कार्य के लिए समान वेतन देने के निर्णयानुसार वेतन दिया जाए। उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन व अन्य सुविधाएं दी जाएं।
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