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Economic Survey: देश में आठ से साढ़े आठ रहेगी जीडीपी ग्रोथ, कोरोना में इस सेक्टर ने किया कमाल
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) ने सोमवार को आर्थिक समीक्षा को पेश किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट 9.2 रहने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के 8 से 8.5 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान लगाया गया है।
दूसरी ओर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है। समीक्षा 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है।
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कृषि क्षेत्र 3.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा
सरकार ने सोमवार को कहा कि कोरोना (Corona) संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र वर्ष 2020-21 में 3.6 प्रतिशत तथा 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद (Parliament) में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र, जिसकी 2021-22 में देश के सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में 18.8 प्रतिशत की भागीदारी है, ने पिछले दो वर्षों के दौरान उत्साहजनक वृद्धि अर्जित की है। यह 2020-21 में 3.6 प्रतिशत तथा 2021-22 में 3.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि यह अच्छे मॉनसून, ऋण (Loan) उपलब्धता में वृद्धि, निवेश में सुधारए बाजार सुविधाओं का निर्माण करनेए बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी उपायों के कारण संभव हो पाया। समीक्षा में यह भी कहा गया है कि पशुधन तथा मत्स्य पालन में तेजी से वृद्धि हुई है और इससे इस क्षेत्र को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिली।
अर्थव्यवस्था के कुल जीवीए में कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत के करीब स्थिर
समीक्षा में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के कुल जीवीए में कृषि (Agriculture) तथा संबद्ध क्षेत्रों की हिस्सेदारी दीर्घकालिक रूप से लगभग 18 प्रतिशत के करीब स्थिर हो गई है। वर्ष 2021-22 में यह 18,8 प्रतिशत थी और वर्ष 2020-21 में यह 20.2 प्रतिशत थी। एक अन्य प्रवृत्ति यह देखी गई है कि फसल क्षेत्र की तुलना में संबद्ध क्षेत्रों (पशुधन, वानिकी एवं लॉगिंग, मत्स्य पालन और जल कृषि) में उच्चतर विकास हुआ। संबद्ध क्षेत्रों के बढ़ते महत्व को स्वीकार करते हुए किसानों (Farmer)की आय दोगुनी करने पर समिति (डीएफआई 2018) ने इन संबद्ध क्षेत्रों को उच्च विकास के इंजन के रूप में माना और एक समवर्ती समर्थन प्रणाली के साथ एक केंद्रित नीति की अनुशंसा भी की थी। समीक्षा में उल्लेख किया गया है कि कृषि में पूंजी निवेशों तथा इसकी वृद्धि दर में प्रत्यक्ष संबंध है। सेक्टर में जीवीए (GVA) की तुलना में कृषि क्षेत्र में सकल पूंजी निर्माण, निजी क्षेत्र निवेशों में विचरण के साथ एक अस्थिर रुझान प्रदर्शित कर रहा है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र निवेश पिछले कुछ वर्षों से 2.3 प्रतिशत पर स्थिर बना हुआ है।
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कृषि में निजी क्षेत्र निवेश में होगा सुधार
समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि किसानों को संस्थागत ऋण तक अधिक पहुंच तथा निजी कॉरपोरेट सेक्टर (Private Corporate Sector) की अधिक भागीदारी कृषि में निजी क्षेत्र निवेश में सुधार ला सकती है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समीक्षा में संपूर्ण कृषि मूल्य प्रणाली के साथ-साथ एक उपयुक्त नीतिगत ढांचे की पेशकश तथा सार्वजनिक निवेश में वृद्धि करके निजी कॉरपोरेट निवेशों को बढ़ाने की अनुशंसा की गई है।
आर्थिक समीक्षा के मेन प्वाइंट्स
वित्त वर्ष 2021-22 में रियल टर्म में 9.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान
वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के 8.0-8.5 प्रतिशत की दर से विकसित होने का अनुमान
अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान पूंजी व्यय में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
विदेशी मुद्रा भंडार 633.6 अरब डॉलर
वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी की तुलना में सामाजिक सेवाओं पर व्यय बढ़कर 8.6 प्रतिशत
दिसंबरए 2021 तक बैंक ऋण में 9.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी
75 आईपीओ के माध्यम से 89066 करोड़ जुटाए
वित्त वर्ष 2021-22 खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.2 प्रतिशत रह गई
खाद्य मुद्रास्फीति औसतन 2.9 प्रतिशत के निचले स्तर पर
रेलवे का पूंजीगत व्यय बढ़कर 155181 करोड़
प्रतिदिन सड़क निर्माण बढ़कर 36.5 किलोमीटर हुआ
भारत अगले तीन साल तक दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी
कृषि और संबंधित क्षेत्रों के 3.9 प्रतिशतण् उद्योग के 11.8 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के 8.2 प्रतिशत बढऩे का अनुमान
केंद्र सरकार की राजस्व प्राप्तियां 67.2 प्रतिशत तक बढ़ी
रेपो दर चार प्रतिशत पर बनी रही
भारतए विश्व में दसवां सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला देश
वर्ष 2020 में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वन 24 प्रतिशत रहे यानी विश्व के कुल वन क्षेत्र का दो प्रतिशत
देश के कुल मूल्यवर्धन (जीवीए) में महत्वपूर्ण 18.8 प्रतिशत की वृद्धि