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हिमाचल में सितंबर तक नहीं लगेगा Green Cess-Fitness Fee, लेकिन Vehicle Registration शुल्क हुआ महंगा
Last Updated on June 26, 2020 by
शिमला। कोविड-19 (Covid-19) काल के बीच हिमाचल सरकार ने वाहन मालिकों को ग्रीन सेस और फिटनेस फीस (Green cess and fitness fees) सितंबर तक माफ करने का फैसला लिया है। वाहन मालिकों से यह फीस 800 से 1000 रुपए तक ली जाती रही है। इसी तरह वाहनों की पासिंग के लिए अब पेंट कराने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ मेकेनिक पार्ट्स ठीक होने चाहिए। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने छोटे-बड़े वाहनों पर टैक्स पर लगाई जाने वाली पेनल्टी (Penalty) भी माफ कर दी है। लेकिन दूसरी तरफ जयराम सरकार ने वाहन पंजीकरण शुल्क (Vehicle registration fee) महंगा कर दिया है। पहले यह शुल्क ढाई से 4 फीसदी तक लिया जाता था, अब इसे बढ़ाकर 7 से 10 फीसदी कर दिया गया है। 50 हजार तक की कीमत वाले मोटरसाइकल पर 7 फीसदी, 50 हजार से 2 लाख तक 8 फीसदी, दो लाख व इससे ज्यादा तक 10 फीसदी पंजीकरण शुल्क लगेगा। कार पर शुल्क 8 से 10 फीसदी देय करना होगा। बसों में भी 10 फीसदी तक शुल्क देय होगा।
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बसों में 100 फीसदी सवारियां बैठाने को सैद्धांतिक मंजूरी
हिमाचल में बाहरी राज्यों से सवारियां लेकर आने वाली छोटी-बड़ी बसों से सरकार 100 फीसदी कंपोजिट फीस (Composite fees) लेगी। पहले एक महीने हिमाचल आने पर ऑपरेटरों से 15 दिन तक की कपोजिट फीस ली जाती थी। अब ये 100 फीसदी देय होगी। बताया जा रहा है कि बसों में अब 100 फीसदी सवारियां बैठाने को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी (In principle approval) दे दी है। निजी बस ऑपरेटरों को 20 लाख रुपए तक वर्किंग कैपिटल लोन देने पर भी सहमति बनी। लोन का 50 फीसदी ब्याज सरकार वहन करेगी। पहले वर्ष निजी ऑपरेटरों (Private operators) को कोई ब्याज नहीं देना होगा, दूसरे वर्ष 50 फीसदी और तीसरी और चौथे वर्ष पूरा ब्याज देना होगा। प्रति बस दो लाख तक लोन लिया जा सकेगा। इस बाबत विस्तृत प्रस्ताव को कैबिनेट में ले जाया जाएगा। उसके बाद पहली जुलाई से इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है।