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सस्पेंड अध्यापक को High Court से कोई राहत नहीं, बीजेपी रैली में जाने का है आरोप
Himachal High Court: शिमला। बीजेपी की रैली में शामिल होने के आरोप में सस्पेंड अध्यापक को हाईकोर्ट (High Court) से कोई फौरी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को बंद करते हुए उसे निलंबन के आदेशों (Orders of Suspension) को सेवा अपील के माध्यम से चुनौती देने की इजाजत दी। मामले पर सुनवाई (Hearing) के दौरान प्रार्थी ने माना कि उसके पास निलंबन आदेशों को सेवा अपील के माध्यम से चुनौती देने का विकल्प भी उपलब्ध है। परंतु उसे आशंका है कि सक्षम प्राधिकारी उसकी अपील पर शीघ्रता से फैसला नहीं लेगा। न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ ने प्रार्थी शिक्षक की याचिका का निपटारा करते हुए उसे दो सप्ताह के भीतर सेवा अपील करने की इजाजत दी है। कोर्ट ने सक्षम प्राधिकारी को आदेश दिए कि प्रार्थी द्वारा सेवा अपील करने की सूरत में वह उसकी अपील का निपटारा 3 सप्ताह के भीतर करे।
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उल्लेखनीय है कि शास्त्री अध्यापक के बीजेपी रैली से जुड़े विवादित फोटो वायरल (Controversial Photo Viral) होने पर चुनाव आयोग हरकत में आया था। प्रार्थी पर आरोप है कि वह सिरमौर जिले के नाहन में बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप की रैली में शामिल हुआ। जिसके बाद चुनाव आयोग से शिकायत के बाद शिक्षक को 16 मई 2024 को सस्पेंड कर दिया गया। निलंबित शिक्षक का हेडक्वार्टर शिलाई तय किया गया है। शिकायत के अनुसार शिक्षक नाहन विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल में बतौर शास्त्री सेवाएं दे रहा था।
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आरोप है कि मई के पहले या दूसरे सप्ताह उक्त अध्यापक बीजेपी प्रत्याशी की रैली में शामिल हुआ। रैली में शामिल शिक्षक की विवादित फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद किसी ने सी-विजिल एप पर चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर दी। सरकार का कहना है कि शिक्षक को सस्पेंड करने से पहले उसे अपनी बात रखने का मौका भी दिया गया। जिसके लिए उसे नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन वह इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर शिक्षक को निलंबित किया गया है। शिक्षक ने उसे प्रारंभिक शिक्षा निदेशक द्वारा 16 मई 2024 को जारी निलंबन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।