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डीसी सोलन को नोटिस, हाईकोर्ट ने आदेशों की अवमानना पर मांगा जवाब
Notice to DC Solan : सोलन। आदेशों की अवमानना करने पर प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने डीसी सोलन (DC Solan) को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जाए। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ (Bench) ने शशि गुप्ता द्वारा दायर अपील की सुनवाई के दौरान यह पाया कि डीसी सोलन (DC Solan) ने एकल पीठ के आदेशों की अवमानना की है।
रीदी गई संपत्ति से जुड़ा है मामला
दरअसल, चार दिसंबर 2023 को न्यायाधीश अजय मोहन गोयल द्वारा पारित निर्णय के अनुसार नीलामी (Auction) में खरीदी गई संपत्ति से जुड़े मामले में भू सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118 लागू नहीं होती। कोर्ट ने 30 दिनों के अंदर बिक्री प्रमाण पत्र जारी करने के लिए DC Solan को आदेश भी पारित कर थे। फिर भी प्रतिवादियों ने 23 मार्च 2024 को जारी बिक्री प्रमाण पत्र में इस शर्त को शामिल किया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपीलकर्ता के पक्ष में भू सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118 की उपधारा (2) के खंड (एच) के प्रावधानों के तहत अनुमति दी है। ऐसे में यह शर्त एकल पीठ द्वारा पारित निर्णय के विपरीत हो गई।
4 दिसंबर 2023 को पारित आदेशों की अवमानना
कोर्ट ने पाया कि DC Solan का यह आदेश 04 दिसंबर 2023 को पारित आदेशों की अवमानना है। गौरतलब है कि प्रार्थी ने मौजा ठोडो, तहसील और जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश में स्थित 260 वर्ग मीटर की एक आवासीय संपत्ति न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, लुधियाना की अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुसार एक सार्वजनिक नीलामी में 75,00,000/- रुपये में खरीदी। याचिकाकर्ता (Petitioner) द्वारा पूरी बिक्री राशि 11 जुलाई, 2023 को अदालत में जमा कर दी गई थी। इसके बाद, अदालत ने DC Solan को दिनांक 11.07.2023 के आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता के पक्ष में बिक्री प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा। याचिकाकर्ता ने बिक्री प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों का दौरा किया, लेकिन इसे यह बहाना बनाकर जारी नहीं किया गया कि चूंकि याचिकाकर्ता एक गैर-कृषक है और उसने धारा 118 के तहत हिमाचल में संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं ली है।