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अब बैंक जबरन नहीं कर सकेंगे किसी भी ग्राहक से लोन की वसूली
अब बैंक (Banks) जबरन नहीं कर सकेंगे लोन (Forcibly Recover The Loan) की वसूली। ये रपट उन लोगों के लिए बेहद सुकून देने वाली है,जिन्होंने बैंक से लोन ले रखा है। चूंकि आरबीआई की नई गाइडलाइन के तहत बैंक किसी विपरीत परिस्थिति में ग्राहकों (Customers) से जबरदस्ती लोन की वसूली नहीं कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए एक नया सर्कुलर जारी किया है। इसमें बैंकों से यह कहा गया है कि बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों को धमकाने, प्रताड़ित करने की घटनाओं को रोकें। इसमें यह भी कहा गया है कि बैंक कर्ज लेने वालों के रिश्तेदारों, जान पहचान के लोगों को भी तंग करने की घटनाओं को भी रोकें। अगर बैंक ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आरबीआई इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करेगी।
आरबीआई का ये सर्कुलर (Circular of RBI) सभी कमर्शियल बैंक, सभी नॉन बैंक फाइनेंशियल कंपनी, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी,ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और सभी प्राइमरी अर्बन को ऑपरेटिव बैंकों (Primary Urban Cooperative Banks) पर लागू होगा। आरबीआई ने गाइडलाइन में साफ कहा है कि आपत्तिजनक मैसेज भेजने, सोशल मीडिया पर बदनामी करने की घटना को भी बैंक और अन्य संस्थान रोकें। आरबीआई ने ये कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि पिछले दिनों लोन ऐप्स वाले मामलों में रिकवरी एजेंट्स की मनमानी और जबरदस्ती के ढेरों मामले सामने आए हैं। इस नए सर्कुलर में आरबीआई ने यह भी कहा कि नियमों के अनुसार, सुबह आठ बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद ग्राहकों को रिकवरी के लिए कॉल ना की जाए। साथ ही ये भी कहा गया है कि बैंक या संस्था या उनके एजेंट लोन रिकवरी के लिए किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न (Harassment for Loan Recovery) का सहारा नहीं लेंगे। यही नहीं कर्ज वसूली की कोशिशों में मौखिक या शारीरिक कृत्य का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
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