-
Advertisement
नवरात्रों में नौ दिन मां को चढ़ाएं ये भोग, घर में आएगी सुख-समृद्धि
आज से मां दुर्गा के शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। शारदीय नवरात्र (Navratri) में मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि विधि-विधान से मां की पूजा करने से सभी देवी मां प्रसन्न होती है और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है। नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है और उन्हें हर दिन अलग-अलग भोग लगाया जाता है।
यह भी पढ़ें:शारदीय नवरात्रः अखंड ज्योति जलाने से पहले जान लें ये कुछ नियम
आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्र के दौरान नौ दिन मां दुर्गा (Maa Durga) को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए। बता दें कि नवरात्र का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है। आज पहला नवरात्र है और आज के दिन मां दुर्गा को गाय के दूध के बने घी का भोग चढ़ाएं। आप चाहें तो गाय के दूध में बने घी का कोई पकवान बनाकर भी भोग लगा सकते हैं, जैसे कि कुट्टू के आटे का हलवा।
नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन माता को सफेद रंग की कोई भी मिठाई चढ़ा सकते हैं। आप चाहें तो काजू की बर्फी का भोग बनाकर भी माता को चढ़ा सकते हैं। वहीं, नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। मां चंद्रघंटा को दूध का भोग लगाया जाता है। हालांकि, आप चाहें तो दूध से बनी कोई मिठाई या ड्राई फ्रूट की खीर भी चढ़ा सकते हैं।
अब बात करते हैं चौथे नवरात्र की तो चौथा नवरात्र मां कुष्मांडा का होता है। मान्यता है कि मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना करने से हर तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है और सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं। मां कुष्मांडा को मालपुए का प्रसाद चढ़ाया जाता है। पांचवें नवरात्र मां स्कंदमाता को समर्पित है। इस दिन मां को भोग के रूप में फल और इलायची चढ़ाई जाती है। नवरात्र का छठा दिन मां कात्यायनी का होता है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष मिलता है। इस दिन मां को पान का भोग लगाना चाहिए।
वहीं, नवरात्र का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है। इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ और सूखे मेवे चढ़ाएं जाते हैं। नवरात्र का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित होता है। इस दिन महागौरी के स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन मां को नारियल का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। नवरात्र का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन मां को तिल का भोग लगाया जाता है।