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ऊनाः दम तोड़ चुके नवजात को रेफर करने वाले Private Hospital की बढ़ी मुश्किलें
Last Updated on February 29, 2020 by Deepak
ऊना। दम तोड़ चुके नवजात को पीजीआई रेफर करने वाले निजी अस्पताल (Private Hospital) के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। दो बच्चों के इलाज में लापरवाही से मौत और एक बच्चे का जबरन इलाज और दुर्व्यवहार की शिकायतों के बाद अब एक व्यक्ति ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर शिशु रोग विशेषज्ञ को उनके बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने और बच्चे की मौत का जिम्मेदार बताया है। शिकायतकर्ता के अनुसार यह मामला 2018 में हुआ था, लेकिन कोई दस्तावेज ना होने के कारण उस समय उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं, सीएमओ ऊना निजी अस्पताल के खिलाफ जांच का दावा कर रहे हैं और इन मामलों में मेडिकल कॉलेज की टीम से उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश कर चुके हैं।
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अब शिमला निवासी ललित शर्मा, जोकि पिछले 6 साल से ऊना में ही नौकरी कर रहे हैं ने सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) पर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत करके जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता के अनुसार डाक्टर द्वारा उनके बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने के कारण उनके बच्चे की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि 26 फरवरी को दो बच्चो की मौत के चलते यह शिशु अस्पताल सुर्ख़ियों में आया था, जिसमें एक शिकायतकर्ता ने बच्चे के इलाज में लापरवाही के कारण मौत और मौत हो जाने के बावजूद बच्चे को रेफर करने का आरोप जड़ा था। वहीं, दूसरे मामले में परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत का आरोप लगाया था। वहीँ इससे पहले 3 फरवरी को भी सीएम हेल्पलाइन पर इसी अस्पताल के खिलाफ एक महिला ने उनके बच्चे का जबरन इलाज करने और दुर्व्यवहार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।
इन तीनों मामलों को लेकर 28 फरवरी को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में सीएमओ ऊना ने जांच भी की, जिसमें आरोपी डॉक्टर को भी शामिल किया गया था, लेकिन शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं थे और अस्पताल को बंद करवाने की मांग पर अड़े रहे। जिस कारण सीएमओ ऊना (CMO Una) ने सेक्रेटरी हेल्थ को मामलों से अवगत करवाते हुए इन मामलों की मेडिकल कॉलेज की उच्च स्तरीय टीम से जांच की सिफारिश की थी। सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हुई चौथी शिकायत में ललित शर्मा ने बताया कि वर्ष 2018 में उनके बेटे को दस्त लगे थे, जिसे लेकर वो शिशु अस्पताल में गए, लेकिन डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती और बच्चे को रेफर कर दिया, लेकिन जब वो अपने बच्चे को लेकर रेफर किए गए निजी अस्पताल में पहुंचे तो डॉक्टरों ने उनके बच्चे को मृत बताया। ललित की माने तो रेफर करते समय डॉक्टर द्वारा उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं दिया गया था, जिस कारण उस समय उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि तीन शिकायतों पर कार्रवाई अमल में लाई गई है और अगर कोई अन्य शिकायत आई तो उसकी भी जांच की जाएगी। सीएमओ ऊना ने बताया कि सैक्रेटरी हेल्थ से इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। वहीं, सीएमओ ऊना ने माना कि अगर संबंधित अस्पताल की बार-बार शिकायतें आ रही हैं तो जरूर कोई ना कोई दिक्कत होगी।