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मानसून सत्रः कोरोना पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने CM और मंत्रियों से मांगा इस्तीफा
Last Updated on September 7, 2020 by
शिमला। विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने अपने तेबर कड़े कर दिए हैं। नियम 67 के तहत सदन में कोरोना संकट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) और मंत्रियों के इस्तीफे तक की मांग कर डाली। नियम 67 के तहत चर्चा में भाग लेते नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान सरकार ने कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं। सरकार वाहन खरीद रही है। चेयरमैन बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में आर्थिक आपदा के लिए सभी कैबिनेट मंत्री जिम्मेदार हैं। हिमाचल में जीएसटी (GST) संग्रह का क्या है। जीएसटी का 3200 करोड़ नहीं दिया गया है। प्रदेश में पर्यटन व औद्योगिक क्षेत्र को नष्ट कर दिया गया है। अगर प्रदेश में डीसी ही सब कुछ हैं तो हम यहां बैठकर क्या कर रहे हैं। राज्य को एक प्रायोगिक प्रयोगशाला बना दिया गया है। इसके लिए सीएम को पूरे मंत्रिमंडल सहित इस्तीफा दे देना चाहिए। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि हम आपके कहने पर इस्तीफा दें क्या। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने सदन में नारे लगाए।
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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लोगों को प्रदान किए जाने वाले राशन की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। बिजली के बिलों में वृद्धि की गई है। बस किराया 50 फीसदी बढ़ाया गया है। पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। हिमाचल में आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा बढ़ा है। करीब 4 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं। पीपीई किट और सैनिटाइजर के नाम पर लूट हुई है। इससे पहले प्रश्नकाल के बाद सदन में कुछ देर के लिए हंगामा भी हुआ। सीएम जयराम ठाकुर ने साप्ताहिक कार्यसूची की जानकारी दी तो विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। नियम 67 के तहत चर्चा मांगी। इसी को लेकर नोकझोंक शुरू हो गई। बाद में नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति दी गई।
शोकोद्गार के बाद विधानसभा सदन में प्रश्नकाल हुआ। प्रश्नकाल के बाद सप्ताह भर की शासकीय सूची सीएम जयराम ठाकुर ने प्रस्तुत की। इस बीच विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और कोरोना को लेकर सदन में नियम 67 के तहत प्रस्ताव दिया। नियम 67 के तहत विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, सुखविंदर सिंह सुक्खू और नंद लाल की तरफ से अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया है। विपक्ष ने कोरोना महामारी के प्रदेश सरकार के प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग में हुए भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाया, जिस पर अध्यक्ष ने नियम 130 के तहत चर्चा के लिए सदन में अनुमति दी। विपक्ष के ना मानने पर नियम 67 के तहत पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ने कोरोना को लेकर चर्चा की अनुमति दी। इस बीच नवनियुक्त मंत्री राकेश पठानिया और नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। नेता प्रतिपक्ष ने राकेश पठानिया पर हमला करते हुए कहा कि वह कुर्सी पर बैठ जाएं, क्योंकि अभी उनका मंत्री बनने पर सदन में परिचय भी नहीं हुआ है, आपको अभी बोलने का अधिकार नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने सीएम जयराम को प्रस्ताव पर बोलने का समय दिया।
जिस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना को लेकर पूरे देश में हिमाचल में बेहतरीन काम किया है और सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष जिस इरादे से इस मुद्दे को सदन में उठा रहा है वो सही नहीं है। इससे पहले देश में कभी भी इस तरह का वायरस देखने को नहीं मिला था, लेकिन सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचने में पर्याप्त प्रबंधन किए हैं और सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देगी। सीएम ने तीन नए मंत्रियों का सदन के सदस्यों का परिचय भी दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार ने सदन आयोजित कर कोई खैरात नहीं दी है, यह संविधान के नियमों के तहत बुलाया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने लोगों को खून के आंसू रुलाये हैं। विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि विपक्ष ने इस्तीफे को लेकर सवाल उठाए जिस पर ज्यादा कुछ कहना नहीं है, लेकिन इतनी बात जरूर कहनी है कि कोरोना महामारी में सरकार पर सवाल उठे जिस पर नैतिकता के आधार पर पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, ताकि जांच प्रभावित ना हो। क्योंकि महामारी का दौर है इसलिए अन्य विशेष लोगों को भी नैतिकता का ध्यान रखना चाहिए। बिंदल ने कहीं ना कहीं मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों पर लगे आरोपों को लेकर इशारा किया कि वह भी नैतिकता दिखाएं और आरोप लगने पर इस्तीफा दें, ताकि पार्टी और सरकार की साख पर कोई अंगुली ना उठा सके।