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SC/STआरक्षण पर हंगामा, नियम 67 के तहत चर्चा न मिलने से नाराज विपक्ष का Walkout
Last Updated on September 17, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र( Monsoon session of Himachal Pradesh Vidhansabha) के नौवें दिन प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी, मोहन लाल ब्राक्टा, नंद लाल, कर्नल धनी राम शांडिल और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने एससी/एसटी एक्ट ( SC / ST Act)को प्रदेश में सही से लागू न करने के विषय को लेकर सदन में नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की।लेकिन विधानसभा ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और चर्चा के लिए समय नहीं दिया। जिस पर कुछ देर के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तू -तू मैं- मैं भी हो गयी और विपक्ष ने सदन कर अंदर नारेबाजी शुरू कर दी और चर्चा के लिए समय न मिलने पर विपक्ष ने नाराज हो कर सदन से वाकआउट ( Walkout) कर दिया।
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कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने सरकार पर चर्चा से भागने के आरोप लगाए और कहा कि सरकार दलित विरोधी है इसलिए सदन में चर्चा नहीं हो रही है जबकि छोटे-छोटे मुद्दों को लेकर सरकार सदन में चर्चा करवा रही है। हिमाचल प्रदेश में एक तिहाई आबादी दलित समुदाय से जुड़े हुए लोगों की है जिन के अधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है, नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण को सही से लागू किया जा रहा है। दलितों को संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं उनकी सरकार पालना नहीं कर रही है। जगत सिंह ने नेगी कहा कि सदन के अंदर उनकी बात सुनी नहीं जा रही है इसलिए सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद रिज महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठ कर कांग्रेस विधायक दल प्रदर्शन करेगा। वहीं ठियोग से माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी कांग्रेस विधायक दल के साथ वाकआउट को समर्थन देकर कहा कि सरकार एससी एसटी के अधिकारों का हनन कर रही है जिसके कारण बीते रोज पहली बार दलित समुदाय के लोगों को विधानसभा का घेराव करना पड़ा है और 14 सूत्रीय मांग पत्र सीएम को सौंपा गया है जिस पर सीएम को कार्रवाई करनी है।