- Advertisement -
शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने कोरोना (#Corona) से ठीक हुए मरीजों की चिकित्सीय देखरेख के लिए विशेष ओपीडी (Special OPD) केंद्र खोलने की जरूरत महसूस करते हुए प्रदेश सरकार को अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष जनहित से जुड़े मामले के पक्षकारों ने बताया कि कोरोना होकर ठीक हुए मरीज अपनी देखरेख सही ढंग से नहीं कर पाते या उन्हें नेगेटिव आने के बावजूद चेकअप की जरूरत रहती है। इसलिए ऐसे मरीजों के लिए विशेष ओपीडी केंद्र खोले जाने चाहिए। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कोविड केयर सेंटरों (Covid Care Centers) में सभी मरीजों को एक ही तरह का खाना दिया जाता है जो संभवतः हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होता।
कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह ऐसे मरीजों को विशेष तरह का भोजन उपलब्ध कराने पर विचार करे अथवा उन्हें घर का खाना खाने के लिए स्वीकृति प्रदान करे। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह उन मरीजों के अटेंडेंट को विशेष प्रमाणपत्र अथवा पास जारी करें, जिन्हें निजी अटेंडेंट की जरूरत हो। इससे मरीजों की उचित देखभाल करने में मदद मिलेगी। कोर्ट (Court) ने कोरोना रोगी विशेषकर मधुमेह रोगी, बूढ़े बुजुर्ग व बच्चों को विशेष डाइट उपलब्ध करवाने के आदेश भी दिए। मामले पर अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
वहीं, उत्तराखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से हिमाचल हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई है। राष्ट्रपति से कॉलिजियम की सिफारिश मंजूर होने के पश्चात वह हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश के तौर पर पद ग्रहण करेंगे। न्यायाधीश मलिमथ का तबादला कर्नाटक हाईकोर्ट से उत्तराखंड हाईकोर्ट किया गया था और 5 मार्च 2020 को उन्होंने उत्तराखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था। 28 जुलाई 2020 से ये उत्तराखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं। 25 मई 1962 को जन्मे न्यायाधीश आर मलिमथ ने 28 जनवरी 1987 से कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत शुरू की थी। 18 फरवरी 2008 को वे कर्नाटक हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए और 17 फरवरी 2010 को उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
- Advertisement -