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रुक्मिणी अष्टमी : आज ही के दिन देवी रुक्मिणी ने लिया था जन्म, जानिए पूजन विधि
शास्त्रों में उल्लेख किया गया है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, राधा का जन्म भी अष्टमी तिथि को हुआ था और देवी रुक्मिणी भी अष्टमी तिथि को उत्पन्न हुई थीं।
वर्ष 2021 का कौन सा माह लेकर आएगा आपके लिए खुशियां, पढ़ें अपनी राशि के अनुसार
वर्ष 2020 सभी का कोरोना के खौफ में बीता। सभी को उम्मीद है कि आने वाला वर्ष 2021 सभी के लिए खुशियां लेकर आए और सभी के जीवन में सुख समृद्धि हो। कोरोना के सौये के बीच आने वाले समय में भी हमें एहतियात बरतने की जरूरत है। कोरोना के नियमों का पालन करते हुए… Continue reading वर्ष 2021 का कौन सा माह लेकर आएगा आपके लिए खुशियां, पढ़ें अपनी राशि के अनुसार
शारदीय नवरात्रः Himachalके शक्तिपीठों में लगी भक्तों की कतारें, Corona पर भारी आस्था
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में नवरात्र के पहले दिन सुबह से भक्तों की लंबी कतार दर्शनों के लिए पंजीकरण के लिए लग गई। विधिवत पूजा अर्चना आरती के बाद मां ज्वालामुखी के कपाट सुबह 6 बजे दर्शनों के लिए खोल दिए गए
नवरात्र पूजा में रखेंगे इन वास्तु नियमों का ध्यान तो मिलेगा मां का आशीर्वाद
पूजा में प्रयोग रोली या कुमकुम से पूजास्थल के दरवाजे के दोनों ओर स्वस्तिक बनाना चाहिए। इससे देवी की असीम कृपा पात्र होती है। यह रोली, कुमकुम सभी लाल रंग से प्रभावित होते हैं
अजा एकादशी व्रत करने से मिलती है सभी पापों से मुक्ति
शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल खाने को वर्जित बताया गया है। मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है। इसलिए अजा एकादशी के दिन भी भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
अपनी राशि के अनुसार इन चीजों से करेंगे शिव का रुद्राभिषेक तो पूरे होंगे सभी काम
अगर आपके लिए हर रोज शिव आराधना करना संभव नहीं हो तो सोमवार के दिन आप शिव पूजन और व्रत करके शिव भक्ति को प्राप्त कर सकते हैं।
मैड़ी मेले में झंडा चढ़ाने की रस्म निभाई, श्रद्धालुओं ने चरणगंगा में किया पवित्र स्नान
होला मोहल्ला मेला हर वर्ष फाल्गुन के विक्रमी महीने में पूर्णिमा के दिन आयोजित किया जाता है। दस दिन तक मनाया जाने वाला यह मेला देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी खासा प्रसिद्ध है।
माघी पूर्णिमाः तीर्थ स्थलों में स्नान के बाद दान भी करें, मिलेगा लाभ
मान्यता है कि माघ के माह में देवता पृथ्वी पर आकर मनुष्य रूप धारण करते हैं और प्रयाग में स्नान-दान और जप करते हैं। इस दिन प्रयाग में गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं