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अर्धसैनिकों की सरकार को दो टूक, दस दिन में ओपीएस बहाल करो, वरना भुगतो खामियाजा
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा चुनाव से पहले अर्धसैनिक बल भी सरकार के खिलाफ मुखर हो चुके हैं। अब उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को प्रदेश भर के अर्धसैनिक संगठनों ने ओल्ड पेंशन को बहाल करवाने के लिए शिमला में रैली निकालकर अपना रोष प्रकट किया। उन्होंने जल्द ही ओल्ड पेंशन (Old Pension) को बहाल करने और जीएसटी (GST) में छूट देने और हर जिला में सैनिक कल्याण बोर्ड (Sainik Welfare Board) गठन करने की मांग उठाई है।
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उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने तीस सितंबर तक उनकी मांगों को नहीं माना तो इस खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। संघ के अध्यक्ष वीके शर्मा (VK Sharma) ने कहा कि 70 सालो से सरहदों पर अर्धसैनिक सेना देश की रक्षा कर रही है। देश के लिए अपना खून बहा रहे हैं और शहादतें दे रहे हैं। मगर केंद्र और प्रदेश सरकार अर्धसैनिकों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं। यहां तक कि अर्धसैनिक बलों को पहचान तक नहीं दी गई है। रिटायरमेंट के बाद हिमाचल प्रदेश में अर्धसैनिकों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है।
प्रदेश में अर्धसैनिक बलों की केवल शिमला में एक डिस्पेंसरी है और पेंशन तक बंद कर दी गई है। इसको लेकर कई बार सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) व अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गएए लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। पूर्व अर्धसैनिक अपना बजूद बचाने के लिए आज सभी संगठन एक मंच पर एकत्रित हो चुके हैं और अब कोर कमेटी ने फैसला लिया है कि सरकार को 10 दिन का समय है यदि दस दिन के भीतर सरकार की ओर से मांगों पर गौर नहीं किया जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तीन लाख के करीब प्रदेश में पूर्व अर्धसैनिक है जोकि अपने हको की लड़ाई को अब सड़को पर ले जाया जा रहा है।
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