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पेगासस यूं लगाता है सेंध, कर सकता है मोबाइल में ये सब कुछ
पेगासस आखिर क्या है…इसे समझना अब जरूरी हो गया है। पहली बार वर्ष 2016 में चर्चा में आया ये साफ्टवेयर क्या कर सकता है, इसकी बारीकियों को यूं समझना होगा। पेगासस (Pegasus)का मतलब ग्रीक माइथोलॉजी (Greek mythology) में पंखों वाला घोड़ा होता है। भारत के कई नेताओं, पत्रकारों व प्रख्यात हस्तियों के मोबाइल से डाटा चोरी के आरोपों को लेकर पेगासस एक बार फिर से चर्चा में है। पहली बार वर्ष 2016 में ये उस वक्त चर्चा में आया था, जब जब संयुक्त अरब अमीरात के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के वाट्सएप से डाटा चोरी होने की रिपोर्ट सामने आई थी। इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजी (Israeli company NSO Group Technology) ने भी इसी पर अपने स्पाई सॉफ्टवेयर का नाम रखा है।
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वर्ष 2016 में इसने आईफोन की सुरक्षा को भी तोड़ दिया था। बाद में आईफोन इससे निपटने के लिए अपडेट लाया था। वर्ष 2017 में सामने आया कि यह सॉफ्टवेयर एंड्रायड की सुरक्षा को भी भेद सकता है। यह इकलौता साफ्टवेयर (Software) कई जासूसों (Spies) को मात देने में सक्षम बताया जाता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि सामने वाले को अपने फोन में इसके होने की भनक भी नहीं लगती है। ये मोबाइल में एक बग के रूप में खुद को इंस्टॉल कर लेता है। मोबाइल की कॉल और हिस्ट्री को भी डिलीट कर सकता है। बताया जाता है कि ये केवल (WiFi) वाईफाई पर ही काम करता है जिससे किसी को पता ना लग सके। ये एक बार इंस्टॉल होने पर मोबाइल पर मौजूद सभी डाटा एक्सेस कर सकता है। यानी ये सभी मैसेज और मेल पढ़ सकता है। ये फोन काल को सुन भी सकता है। मोबाइल से स्क्रीनशॉट लेने की भी इसमें क्षमता रहती है। ये यूजर के फोन की रियल टाइम लोकेशन का पता लगाने में भी सक्षम माना जाता है।