-
Advertisement
भारत-ईयू सम्मेलन में बोले PM मोदी- हमारी Partnership विश्व में शांति और स्थिरता के लिए उपयोगी
Last Updated on July 15, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 15वें भारत-यूरोपीय यूनियन (वर्चुअल) सम्मलेन (India-EU conference) को संबोधित करते हुए भारत-ईयू को नेचुरल पार्टनर बताया। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडिया-ईयू समिट में शामिल हुए। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने की हमारी कोशिशों में हम यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं। पीएम ने यूरोपीय देशों में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण हुए नुकसान के लिए संवेदना प्रकट की। पीएम ने कहा, ‘आज हमारे नागिरकों की सेह और और समृद्धि, दोनों ही चुनौतियों का सामना कर रहें हैं।’
यहां पढ़ें पीएम मोदी का पूरा संबोधन
LIVE: PM Shri @narendramodi addresses India-EU summit 2020 via video conferencing. https://t.co/8pMCKGfvXN
— BJP (@BJP4India) July 15, 2020
कोविड-19 के कारण हमें मार्च में इंडिया-ईयू समिट (India-EU Summit) स्थगित करना पड़ा। खुशी है कि अब हम वर्चुअल मीडियम से बातचीत कर रही हैं। सबसे पहले मैं यूरोप में कोरोना वायरस के कारण हुई क्षति के लिए संवेदना प्रकट करता हूं। आपकी तरह मैं भी भारत और यूरोपियन यूनियन के संबंधों को और विस्तृत और गहरा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हमें भारत-यूरोपियन यूनियन को लॉन्ग टर्म स्ट्रैटिजिक प्रॉस्पेक्टिव अपनाना चाहिए। साथ ही, एक ऐक्शन ओरियेंटेड अजेंडा बनाना चाहिए जिसे निर्धारित समय में कार्यान्वित किया जा सके।भारत और ईयू नेचुरल पार्टनर हैं। हमारी पार्टनरशिप विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भी उपयोगी है। यह वास्तविकता आज की वैश्विक स्थिति में और भी स्पष्ट हो गई है। हम दोनों ही लोकतंत्र, बहुलतावाद, समावेशिता, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का सम्मान, बहुपक्षवाद, स्वतंत्रता, पारदर्शिता जैसी वैश्विक मूल्यों को साझा करते हैं।
यह भी पढ़ें: UN को करेंगे संबोधित करेंगे PM Modi, सुरक्षा परिषद में भारत की जीत के बाद 17 जुलाई को पहला भाषण
आज हमारे नागरिकों की सेहत और समृद्धि, दोनों ही चुनौतियों का सामना कर रहें हैं। आज हमारे नागरिकों की सेहत और समृद्धि, दोनों ही चुनौतियों का सामना कर रहें हैं। कानून आधारित वैश्विक व्यवस्था पर विभिन्न प्रकार के दबाव हैं। ऐसे में भारत-ईयू साझेदारी, आर्थिक पुनर्निर्माण में और एक मानव-केंद्रित और मानवता-केंद्रित वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। तत्कालीन चुनौतियों के अलावा जलवायु परिवर्तन जैसे दीर्घकालिक चुनौतियां भी हम दोनों के लिए ही प्राथमिकता हैं। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (रीन्यूएबल एनर्जी) के उपयोग को बढ़ाने के हमारे प्रयत्नों में हम यूरोप के निवेश और तकनीक को आमंत्रित करते हैं। मैं आशा करता हूं कि इस वर्चुअल समिट के माध्यम से हमारे सम्बन्धों को गति मिलेगी।