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#MannKiBaat : 2020 के आखिरी संस्करण में बोले PM Modi – घर-घर में गूंज रहा #Vocal4Local
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 72वें और 2020 के आखिरी संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी (PM Narendra Modi) कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। अगले साल अगली मन की बात होगी। उन्होंने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इस नए सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है। देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है। #Vocal4Local आज घर-घर में गूंज रहा है। ऐसे में, अब यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे Products विश्वस्तरीय हों। साथियों, हमें #Vocal4Local की भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है और बढ़ाते ही रहना है। आप हर साल New year resolutions लेते हैं, इस बार एक resolution अपने देश के लिए भी जरुर लेना है।
LIVE: PM Shri @narendramodi's #MannKiBaat with the nation. https://t.co/Zc41g79Rds
— BJP (@BJP4India) December 27, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कई देशवासियों के पत्र मिले हैं। अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी उसे भी कई लोगों ने याद किया है। उन्होंने कहा कि देश के सम्मान में सामान्य मानवी ने इस बदलाव को हमसूस किया है। मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियां खूब आई, संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए।
Zero effect, zero defect की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है। मैं देश के manufacturers और industry leaders से आग्रह करता हूं। देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है।
हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है।
– पीएम @narendramodi#MannKiBaat pic.twitter.com/wWW5TWDUr9
— BJP (@BJP4India) December 27, 2020
हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है। आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें । लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊँची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए।
देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है। तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्यप्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है। मेरे प्यारे देशवासियो, अब मैं एक ऐसी बात बताने जा रहा हूँ, जिससे आपको आनंद भी आएगा और गर्व भी होगा। भारत में Leopards यानी तेंदुओं की संख्या में, 2014 से 2018 के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में, देश में, leopards की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीँ 2019 में, इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी।
देश के सम्मान में सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है।
मैंने देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है।
चुनौतियां खूब आई, संकट भी अनेक आए।
कोरोना के कारण दुनिया में Supply Chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आई, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए।
– पीएम #MannKiBaat pic.twitter.com/rwQkcMrVIu
— BJP (@BJP4India) December 27, 2020
मैंने, तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक ह्रदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा । आपने भी social media पर इसके visuals देखे होंगे। हम सबने इंसानों वाली wheelchair देखी है, लेकिन, कोयंबटूर की एक बेटी गायत्री ने, अपने पिताजी के साथ, एक पीड़ित dog के लिए wheelchair बना दी। ये संवेदनशीलता, प्रेरणा देने वाली है, और, ये तभी हो सकता है, जब व्यक्ति हर जीव के प्रति, दया और करुणा से भरा हुआ हो।
गुरुग्राम के प्रदीप सांगवान 2016 से Healing Himalayas नाम से अभियान चला रहे हैं। वो अपनी टीम और volunteers के साथ हिमालय के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं, और जो प्लास्टिक कचरा टूरिस्ट वहाँ छोड़कर जाते हैं, वो साफ करते हैं।
कर्नाटका के युवा brigade की प्रेरणादायक कहानी जिन्होंने श्रीरंगपट्न (Srirangapatna) के पास स्थित वीरभद्र स्वामी नाम के एक प्राचीन शिवमंदिर का कायाकल्प कर दिया। #MannKiBaat pic.twitter.com/mxPib346va
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कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो लगातार कुछ-न-कुछ नया करते रहते हैं, नए-नए संकल्पों को सिद्ध क्रेते रहते हैं। आपने भी अपने जीवन में महसूस किया होगा, जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं तो बहुत कुछ करने की उर्जा समाज हमें खुद ही देता है। जिज्ञासा की ऐसी ही उर्जा का एक उदाहरण मुझे पता चला, तमिलनाडु के बुजुर्ग श्री टी श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी के बारे में।
दरअसल, श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी संस्कृत और तमिल के विद्वान हैं। वो अब तक करीब 16 आध्यात्मिक ग्रन्थ भी लिख चुके हैं। लेकिन, Computer आने के बाद उन्हें जब लगा कि अब तो किताब लिखने और प्रिंट होने का तरीका बदल गया है तो उन्होंने, 86 साल की उम्र में, computer सीखा।
आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को GI Tag का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे launch किया गया।
अगली बार जब आप केसर को खरीदने का मन बनायें, तो कश्मीर का ही केसर खरीदने की सोचें ।#MannKiBaat pic.twitter.com/j1vMYVpiXx
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