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Statue of Unity को जोड़ेंगी आठ ट्रेन, PM Narendra Modi ने दिखाई हरी झंडी
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के केवड़िया में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) को जोड़ने वाली आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक साथ किसी खास जगह पर जाने के लिए आठ ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई है। ये आठ ट्रेनें केवड़िया को वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से जोड़ेंगी। इस योजना के साथ ही भारतीय रेलवे के मैप पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी जगह मिल जाएगी साथ ही केवड़िया के रेल लिंक से जुड़ने से यहां देश भर से सैलानी बिना किसी परेशानी से पहुंच सकेंगे। पीएम ने कहा कि इन ट्रेनों में विस्टा डोम स्ट्रक्चर की सुविधा है जिससे यात्री चलते हुए आस-पास के नजारों का आनंद ले सकेंगे।
PM Shri @narendramodi flags off eight trains connecting Statue of Unity. #StatueOfUnityByRail https://t.co/ID8jUbM9Oe
— BJP (@BJP4India) January 17, 2021
पीएम मोदी ने केवड़िया रेलवे स्टेशन (Kevadia Railway Station) का उद्घाटन भी किया है। इसके अलावा उन्होंने ब्रॉडगेज लेन का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि अब केवड़िया देश का कोई छोटा-मोटा शहर नहीं रह गया है। केवड़िया में अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा लोग सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने को पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 50 लाख लोग इस प्रतिमा को देख चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक कुछ दिन बाद यहां रोजाना 1 लाख लोग पहुंचेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ये इन ट्रेनों का डिजाइन बेहद शानदार है। इन ट्रेनों की यात्रा के दौरान लोग मां नर्मदा की घाटियों के मनोरम दृश्य का आनंद उठा सकेंगे।
You can now reach #StatueOfUnityByRail!
The programme to mark this special feat begins soon. Here are more glimpses from the Kevadia Railway Station. pic.twitter.com/0u7oyTFTF2
— Narendra Modi (@narendramodi) January 17, 2021
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा –
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने इस स्थान की रूप रेखा पूरी तरह से बदल दी है। कई आदिवासियों को यहां रोजगार मिल रहा है। लोग मैनेजर बन रहे हैं, कैफे खोल रहे हैं, पर्यटक गाइड बन गए हैं। पीएम ने कहा कि केवड़िया को रेल से कनेक्ट करने वाले प्रोजेक्ट का उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम, कोरोना महामारी, अनेक प्रकार की बाधाएं आई, लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।
केवड़िया का उदाहरण है कि कैसे इकोलॉजी और इकोनॉमी के संगम से रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे में काया पलट की कहानी बताई।
छोटा सा खूबसूरत केवड़िया इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे प्लान तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते हुए इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों का तेजी से विकास किया जा सकता है।
बीते वर्षों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया।
ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा।
ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है।
– पीएम @narendramodi #StatueOfUnityByRail pic.twitter.com/yuOwgcOypE
— BJP (@BJP4India) January 17, 2021
रेलवे में नई सोच नई तकनीक से काम हुआ है। PM ने कहा कि अब रेलवे में कायापलट की वजह से हम सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने में सक्षम हुए हैं, इसके अलावा हम हाई स्पीड ट्रेन चलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए रेलवे का बजट कई गुना बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमारी ज्यादातर ऊर्जा पहले से जो रेल व्यवस्था थी उसको सुधारने में लगी रही, उस दौरान नई सोच और तकनीक पर फोकस कम रहा।
इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये केवडिया के आदिवासी भाई बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है।
– पीएम @narendramodi #StatueOfUnityByRail pic.twitter.com/0SGek3OaUr
— BJP (@BJP4India) January 17, 2021
ये रेल लाइनें मां नर्मदा के तट पर बसे करनाली, पोईचा और गरुड़ेश्वर जैसे आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को भी कनेक्ट करेगी। यह पूरा क्षेत्र एक प्रकार से Spiritual Vibration से भरा हुआ क्षेत्र है। भारतीय रेल पारंपरिक सवारी और मालगाड़ी वाली अपनी भूमिका निभाने के साथ ही हमारे प्रमुख टूरिस्ट और आस्था से जुड़े सर्किट को भी सीधी कनेक्टिविटी दे रही है।
अनेक रूट्स पर विस्टाडोम वाले कोचेस भारतीय रेल की यात्रा को और आकर्षक बनाने वाले हैं। बीते वर्षों में देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए जितना काम हुआ है वह अभूतपूर्व है।
कुछ ही समय पहले मुझे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक बड़े सेक्सन का लोकार्पण करने का मौका मिला।
इस प्रोजेक्ट पर 2006 से लेकर 2014 तक यानी लगभग 8 वर्षों में सिर्फ कागजों पर ही काम हुआ, 2014 तक 1 किमी तक भी ट्रैक नहीं बिछाया था।#StatueOfUnityByRail pic.twitter.com/CpyhrLUopn
— BJP (@BJP4India) January 17, 2021
बीते वर्षों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा।ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है।
अब जैसे केवडिया को रेल से कनेक्ट करने वाले इस प्रोजेक्ट का ही उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम और कोरोना महामारी जैसी अनेक बाधाएं आई। लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।
आज जब भारतीय रेल के ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं तो उसके लिए Highly skilled specialist मैनपॉवर और professionals भी बहुत जरूरी है। बड़ोदरा में भारत की पहली डीम्ड यूनिवर्सिटी की स्थापना के पीछे यही मकसद है।