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अटल टनल देख राष्ट्रपति कोविंद बोले- इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना, इससे जुड़ा देश का भविष्य
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बनी लंबी अटल टनल रोहतांग का दीदार किया। इस दौरान उन्होंने अटल टनल की खूबियों की सारी जानकारी ली। बीआरओ योजक परियोजना के चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति कोविंद को अटल टनल की खूबियों से अवगत करवाया। राष्ट्रपति ने अटल टनल के निर्माण को इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना बताया।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह परियोजना देश का गौरव है। राष्ट्रपति ने कहा कि अटल टनल रोहतांग बेहद खूबसूरत है और इससे देश का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि वो मनाली तो काफी बार आ चुके हैं, लेकिन लाहुल-स्पीति आने का मौका पहली बार मिल है और यह घाटी बेहद खूबसूरत है। इस दौरान उन्होंने सभी को अटल टनल की बधाई दी। उन्होंने कहा कि अटल टनल के बनने से लाहुल-स्पीति आना-जाना काफी आसान हो गया है।
The 9.02-km tunnel providing all-weather connectivity between Himachal Pradesh & Ladakh offers great opportunities for the region’s growth. The President studied a scaled model of the whole project, and congratulated people & organisations that made this remarkable feat possible.
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 11, 2022
आज सुबह राष्ट्रपति कोविंद परिवार के साथ अटल टनल निहारने के लिए धर्मशाला से सिस्सू में पहुंचे। यहां पहुंचने पर राष्ट्रपति का जनजातीय परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। यहां पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर , सीएम जयराम ठाकुर ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां पर सीएम जयराम ने उन्होंने थंका पेंटिंग भेंट की गई और पवित्र अशी पहनाकर उनका स्वागत किया।
यहां से सीधे राष्ट्रपति सीधे अटल टनल रोहतांग के नार्थ पार्टल रवाना हुए। नार्थ पोर्टल में बीआरओ की योजक परियोजना द्वारा उन्हें अटल टनल रोहतांग की विस्तृत जानकारी दी गई। बीआरओ चीफ इंजीनियर राजेन्द्र प्रसाद ने राष्ट्रपति को विस्तृत जानकारी दी। टनल के निरीक्षण के बाद राष्ट्रपति का काफिला मनाली की ओर रवाना हो गया। राष्ट्रपति मनाली के सासे हेलिपैड में भी आराम करेंगे और वहीं पर उनके दोपहर के भोजन की भी व्यवस्था की गई है।
अचल टनल की खासियत
10 हजार फीट से भी अधिक ऊंचाई पर स्थित इस टनल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की लिस्ट में इसे 10 हजार से अधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग के रूप में प्रमाणित किया गया है। वहीं, बीते माह ही सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसके निर्माण के लिए बीआरओ की उपलब्धि के लिए पुरस्कार प्राप्त किया था।
तीन अक्टूबर 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अटल टनल का उद्घाटन किया था और टनल बनने से मनाली और लाहुल-स्पीति की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है। यह दुनिया की पहली टनल है जिसमें 4जी कनेक्टिविटी मुहैया करवाई गई है। टनल में हर 500 मीटर पर आपातकाल सुरंग है, जो टनल के दोनों छोरों पर निकलती है। हर 150 मीटर पर आपातकाल 4जी फोन की सुविधा है और हर 60 मीटर पर सीसीटीवी हैं। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोरों पर पूरी टनल का कंट्रोल रूम है