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हिमाचल के बाहर की गाड़ियों को परमिट देने का प्राइवेट ऑपरेटर्स ने किया विरोध
नरेंद्र शर्मा/ सोलन। हिमाचल प्रदेश के बाहर की गाड़ियों (Vehicles Outside Himachal) को राज्य में ही परमिट (Permit) देने का प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने भारी विरोध किया है। ऑपरेटरों (Private Bus Operators) ने सरकार से मांग की है कि बाहरी ऑपरेटरों को अगर इस तरह से परमिट बांटे जाएंगे तो हिमाचल के लोगों का व्यवसाय छिन जाएगा। परमिट देने की यह प्रक्रिया हिमाचल सरकार के स्पेशल रोड टैक्स (Special Road Tax) के ऐलान के बाद शुरू हुई है, जिसमें राजस्व बढ़ाने के लिए बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर विशेष रोड टैक्स लगाया गया है। शुक्रवार को नालागढ़ (Nalagarh) में प्राइवेट बस ऑपरेटरों की बैठक हुई। इसमें नालागढ़ निजी बस आपरेटर यूनियन ने एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि आज तक कभी भी बाहरी राज्यों के स्थाई निवासियों को ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट जारी नहीं किए जाते थे। लेकिन जो बसें बाहरी राज्यों से नालागढ़, बद्दी में आती हैं, अब उन्हें परिवहन विभाग हिमाचल में ही परमिट दे रहा है।
बाहरी राज्यों के लोगों को जारी न हो परमिट
नालागढ़ के निजी बस ऑपरेटरों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि तत्काल प्रभाव से बाहरी राज्यों के व्यक्तियों को ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट जारी करना बंद किया जाए। ऐसा होने से हिमाचल प्रदेश के लोगों का व्यवसाय बाहरी राज्यों के लोग छीन लेंगे।
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एचपी 02 का मांग रहे 2 साल का टैक्स
बैठक में कहा गया कि हिमाचल सरकार की अधिसूचना (Notification) में एचपी 02 की बसों का स्पेशल रोड टैक्स निर्धारित किया गया था, जो 1 दिसंबर 2023 से लागू हो चुकी है। इसमें 2 वर्ष तक एचपी 02 की गाड़ियों का स्पेशल रोड टैक्स लेने की प्रक्रिया को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। अब जब निजी बस ऑपरेटर अपनी एचपी 02 की गाड़ियों का टैक्स जमा करने के लिए आरटीओ कार्यालय (RTO Office) जा रहे हैं, तो उनसे टैक्स जमा करने केको कहा जा रहा है। विभाग की साइट बस का पिछले दो वर्ष का टैक्स और ब्याज जुर्माना सहित मांग रहा है। ऑपरेटर्स ने इस विसंगति का भी तत्काल हल निकालने की मांग की है।