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Himachal ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री के निलंबन पर भड़के
Last Updated on August 7, 2020 by Deepak
मंडी। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ (Himachal Gramin Bank Employees Union) के प्रांतीय महामंत्री व हमीरपुर जिला की अमरोह शाखा में कार्यरत नरेंद्र सिंह को निलंबत कर दिया गया है। उनके निलंबन पर हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ व ऑफिसर्स ऑर्गेनाइजेशन (Officers Organization) उग्र हो गई है। दोनों की यूनियनों ने उग्र आंदोलन के साथ कोर्ट (Court) जाने की धमकी दी है। इसी मुद्दे को लेकर 9 अगस्त को पालमपुर (Palampur) में एक बैठक प्रस्तावित की गई है। इस बैठक में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। ऑफिसर्स ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष डीसी शर्मा व हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार ने बताया कि संघ के प्रांतीय महामंत्री नरेंद्र सिंह को बैंक सेवा से बैंक प्रबंधन ने 6 अगस्त को निलबिंत कर दिया, जिससे समस्त बैंक स्टाफ में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। यह निलंबन ट्रेड यूनियन (Trade Unions) अधिकारों पर कुठाराघाट है।
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उक्त अध्यक्षों ने बताया कि महामंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा बैंक में किए जा रहे भ्रष्टाचार को समय-समय पर उजागर किया जा रहा था। बैंक की स्टाफ की मांगों को लेकर बैंक प्रबंधन के साथ टकराव चल रहा था, जिससे खिन्न होकर बैंक प्रबंधन ने संघ के महामंत्री पर मनघडंत आरोप लगाकर बैंक से निलंबित कर दिया। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स ऑर्गेनाइजेशन के क्षेत्रीय इकाई के अध्यक्ष बृजमोहन एयरी को भी बैंक प्रबंधन ने केवल इसलिए दंडित कर दिया है कि उन्होंने बैंक अध्यक्ष को कोविड-19 (Covid-19) के रक्षार्थ उपकरण स्टाफ को उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ महामंत्री बैंक में ग्राहकों के खातों से अवैध रूप से राशि निकालकर अन्य खातों में डालकर बैंक ग्रोथ दिखाकर बैंक व ग्राहकों को भारी नुकसान को उजागर कर रहे थे। इस कारण क्षेत्रीय प्रबंधक व अमरोह शाखा प्रभारी ने षड्यंत्र रचकर संघ के महामंत्री नरेंद्र सिंह को निलबिंत करवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक अधिकारियों पर गलत ऋण वितरण का दबाव बनाया जा रह है। जो अधिकारी बैंक प्रबंधन के दबाव में नहीं झुक रहे है, तो उन्कें दुर्गम स्थानों में ट्रांसफर (Transfer) व झूठे केस बनाकर उत्पीड़ित किया जा रहा है। बैंक में स्टाफ की भारी कमी के चलते ग्राहकों को त्वरित सेवाएं भी प्रदान नहीं की जा पा रही है, जिससे बैंक स्टाफ को ग्राहकों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ रहा है तथा बैंक स्टाफ को देर रात तक कार्य निष्पादन करना पड़ रहा है। शाखाओं में अकेले एक कर्मी से कार्य करवाया जा रहा है जिससे बैंक नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बैंक में तीन से अधिक खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है।