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फरीदकोट। फरीदकोट रियासत (Faridkot State) की 25 हजार करोड़ रुपए की जायदाद के मालिकाना हक का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब फरीदकोट रियासत के अंतिम महाराजा हरिंदर सिंह की मौत के बाद उनकी करीब 20 हजार करोड़ की जायदाद व वसीयत को लेकर विवाद में महाराजा की बेटी अमृत कौर की शिकायत पर पुलिस ने जायदाद की संभाल को गठित ट्रस्ट के अधिकारियों समेत 23 व्यक्तियों पर केस दर्ज किया है। फरीदकोट (पंजाब) के आखिरी शासक हरिंदर सिंह बरार की संपत्ति की फर्ज़ी वसीयत बनाने के आरोप में उनके नाती-नातिन समेत 23 लोगों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। मुख्य आरोपी बराड़ की जायदाद की देखरेख करने वाले महरवाल खेवाजी ट्रस्ट से हैं।
नामजद आरोपियों में नगर सुधार ट्रस्ट फरीदकोट (City Improvement Trust Faridkot) के चेयरमैन भी शमिल हैं। राज कुमारी अमृत कौर की शिकायत पर पुलिस ने महरावल खीवा जी ट्रस्ट के चेयरमैन व पश्चिमी बंगाल की बर्दमान रियासत के राजकुमार जय सिंह महताब, उपचेयरमैन निशा, ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जंगीर सिंह सरा,नवजोत सिंह, एसिस्टेंट लीगल एडवाइजर परमजीत सिंह संधू, कैशियर संतोष कुमार, जसपाल कौर, भूषण शर्मा, शंकर पाल, सुपरिंडेंटेंड बलजीत कौर, ऑडिटर हरप्रीत कौर,जनरल मैनेजर बाबू राम, एग्रीकल्चर एडवाइजर मदन मोहन देवगन, अकाउंटेंट नरेश, इंजी. संधू, मैनेजर बेपरवाह सिंह, असिस्टेंट मैनेजर रघुबीर सिंह रेशम सिंह, कुलदीप सिंह, बरजिंदर पाल सिंह,जतिंदर पाल सिंह, एसके कटारिया, ललित मोहन पर अमानत में खयानत के आरोप में केस दर्ज कर कार्रवाई की है।
1989 में फरीदकोट के आखिरी महाराजा हरिंदर सिंह बरार के निधन के बाद मिली उनकी वसीयत में 25,000 करोड़ की संपत्ति मेहरवाल खेवाजी ट्रस्ट को सौंपी गई थी। इसकी चेयरमैन पश्चिम बंगाल के पूर्व राजघराने में ब्याही उनकी दूसरी बेटी दीपिंदर कौर थी। वसीयत में कुछ नहीं मिलने को सबसे बड़ी बेटी अमृत कौर ने अदालत में चुनौती दी थी। दीपिंदर कौर की दो संतान हैं, जिसमें बेटा जयचंद मेहताब और बेटी निशा डी खेर है।
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