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नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus)से उत्पन्न हुए हालात के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health)की बैठक गुरुवार को हुई। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने देश में कोरोना पर स्थिति स्पष्ट की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की स्थिति का पता लगाने के लिए सेरो सर्वे किया गया था। इसमें सामने आया है कि देश की एक फीसदी से भी कम आबादी इस वायरस की चपेट में आई है। साथ ही देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति नहीं है। उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर बात की। उन्होंने कहा है कि कोरोना से निपटने के लिए हमने लॉक डाउन में बेड तैयार कर लिए हैं। देश में पर्याप्त मात्रा में बेड हैं। रेलवे कोच को भी आइसोलेशन बेड (Isolation Bed) बनाया गया है जिन्हें जरूरतों के आधार पर राज्यों को भेजा जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, छोटे शहरों के मुकाबले बड़े शहरों में कोरोना का खतरा ज्यादा है। सिर्फ 0.73 फीसदी लोग ही कोरोना से प्रभावित हुए हैं। देश में ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 49.21 है। भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों की दर अन्य देशों की तुलना में काफी कम है। 15 मई को देश में मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत थी। अब यह घटकर 2.8 फीसदी रह गई है। हमारे पास एक दिन में दो लाख टेस्टिंग करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना से ठीक होने वालों का आंकड़ा बढ़ा है। आज, हमारा रिकवरी रेट 49.21% है वर्तमान में ठीक हुए मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से अधिक है। बता दें, देश में कोरोना मामलों की संख्या 2 लाख 86 हजार 579 हो गई है। बुधवार को एक दिन में अब तक के सबसे ज्यादा 9996 केस आए हैं। जबकि, 357 लोगों की मौत हुई है। इसके पहले 6 जून को सबसे ज्यादा 298 संक्रमित कोरोना से हारे थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना के अभी एक लाख 37 हजार 448 एक्टिव केस हैं। इस वायरस से अब तक 8 हजार 102 लोगों ने जान गंवाई है। वहीं, एक लाख 41 हजार 28 लोग कोरोना से जंग जीते हैं।
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