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राजा मानसिंह हत्याकांडः 35 साल बाद आया Court का फैसला, 11 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद
Last Updated on July 22, 2020 by Deepak
मथुरा। जयपुर के पूर्व राजा मानसिंह हत्याकांड में अब 35 साल बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाया। उत्तर प्रदेश के मथुरा कोर्ट में चल रहे इस मामले में की सुनवाई पूरी हो गई है। मंगलवार को कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। वहीं तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है। जिसके बाद आज कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक समेत दोषी पाए गए 11 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। मथुरा डिस्ट्रिक्ट जज साधना रानी ने यह सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि दोषियों के यह जुर्माना राशी राजस्थान सरकार को देनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों मृतकों के परिजनों को 30-30 हजार रुपए और घायल चार लोगों को दो-दो हजार देने के निर्देश दिए हैं।
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राजा ने जीप से टक्कर मारकर तोड़ दिया था सीएम का हेलिकॉप्टर
इस 35 साल पुराने मामले में अब तक 3 आरोपियों की मौत भी हो चुकी है। 4 पुलिसकर्मी निर्दोष साबित हुए हैं। इन्हें सीबीआई ने अपनी जांच में कागजों में हेराफेरी करने का आरोपी बनाया था। इनमें निरीक्षक कान सिंह सिरवी, जीडी लेखक हरी किशन व गोविंद प्रसाद आरोपी थे। वहीं, स्वर्गीय राजा मानसिंह के परिजनों ने न्यायालय के फैसले पर खुशी जताई है। फैसले के बाद सभी 11 दोषियों को कड़ी सुरक्षा में अस्थाई जेल भेज दिया गया। 20 फरवरी 1985 को विधानसभा चुनाव के दौरान झंडा हटाने को लेकर विवाद हुआ था। कहा जाता है कि विवाद में भरतपुर के पूर्व राजा मानसिंह ने तत्कालीन सीएम शिवचरण माथुर के हेलिकॉप्टर में जीप से टक्कर मार दी थी। यह मामला कोर्ट पहुंचा था। कोर्ट में सरेंडर के दौरान हुई मुठभेड़ में पुलिस ने उन्हें गोली मार दी थी। इस मुठभेड़ में राजा मान सिंह, उनके साथी सुमेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई। जिस वक्त राजा की मौत हुई, उनकी उम्र 64 वर्ष थी। विजय सिंह ने कान सिंह भाटी और एसएचओ वीरेंद्र सिंह समेत 17 के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जबकि पुलिस ने इसे एनकाउंटर करार दिया था।