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#Rajyasabha में गरजे राजनाथ: देश की सुरक्षा के लिए जितना भी कड़ा कदम उठाना पड़े, उठाएंगे
Last Updated on September 17, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को राज्यसभा में भारत-चीन बॉर्डर (India China Border) पर हालात के बारे में जानकारी देते हुए चीन के खिलाफ करारा वार किया। रक्षा मंत्री ने चीन को चेताते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें देश की सुरक्षा के लिए जितना भी कड़ा कदम उठाना पड़े, हम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि चीन ने लद्दाख में करीब 38 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने पीओके की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी है।
Speaking in the Rajya Sabha https://t.co/aWRjvb8cZ3
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 17, 2020
हम देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे
रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल ज्यूरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला। राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन के माध्यम से मैं, 130 करोड़ देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम देश का मस्तक झुकने नहीं देंगे। यह हमारा, हमारे राष्ट्र के प्रति दृढ संकल्प है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे जवानों का जोश एवं हौसला बुलंद है, और हमारे जवान किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं।
चीन की कथनी और करनी में अंतर
इस दौरान राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि चीन के साथ रिश्ते बढ़ाए जा सकते हैं और सीमा विवाद पर भी साथ में बात हो सकती है लेकिन सीमा पर तनाव का असर रिश्तों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चीन की गतिविधियों से साफ है कि उसकी कथनी और करनी में अंतर है। इसका सबूत ये है कि बातचीत के बावजूद चीन की तरफ से 29-30 अगस्त को भड़काने वाली कार्रवाई की गई। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेनाएं सीमा पर मजबूती के साथ डटी हुई हैं। भारत की तरफ से पहले सैन्य कार्रवाई नहीं की गई, जबकि चीन की तरफ से की गई है, लेकिन हमने उनके इरादों को कामयाब नहीं होने दिया।
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राजनाथ सिंह ने कहा कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्वक ढंग से सुलझाना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि चीनी पक्ष हमारे साथ मिलकर काम करें। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने स्पष्ट रूप से नियमों का पालन किया है, जबकि चीन इससे पीछे हटा। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों की कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ है। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का आधार है।