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हिमाचल हाईकोर्ट: रामलाल ठाकुर की चुनाव याचिका पर 30 दिसंबर को होगी सुनवाई
शिमला। श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रणधीर शर्मा (MLA Randhir Sharma) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 30 दिसम्बर के लिए टल गई। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अनुपस्थिति के कारण यह मामला न्यायाधीश सुशील कुकरेजा के समक्ष सुनवाई के लिए लगा था।
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कोर्ट ने इस मामले में बिना नोटिस (Notice) जारी किए इसे संबंधित बेंच के समक्ष ही सूचीबद्ध करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव से जुड़ी मतगणना में 171 वोटों से विजयी भारतीय जनता पार्टी के विधायक रणधीर शर्मा के चुनाव को दूसरे नंबर पर रहे पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी राम लाल ठाकुर (Congress candidate Ram Lal Thakur) ने हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) में याचिका दायर कर चुनौती दी है। राम लाल ठाकुर ने 8 दिसम्बर को हुई मतगणना (Vote Counting) के दौरान पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती में धांधली का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती के दौरान सभी वैधानिक नियमों का उल्लंघन किया गया। श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र में इस बार 2816 पोस्टल बैलेट पेपर प्राप्त हुए थे। प्रार्थी के अनुसार इनमें से 341 मत गलत ढंग से अमान्य घोषित किए गए। अमान्य घोषित करने का कोई कारण भी नही बताया गया। इसके बाद बाकी बचे 2475 पोस्टल बैलेट पेपर में से 14 मत रद्द कर दिए गए।
अंततः उसे पोस्टल बैलेट से 499 मत प्राप्त हुए जबकि विजेता प्रत्याशी को 525 मत प्राप्त हुए। इसके बाद प्रार्थी की ओर से पुनः मतगणना करवाने का आग्रह भी किया। अमान्य और रद्द घोषित किए गए मतों पर दुबारा गौर न करते हुए मनमर्जी से उन्हीं मतों को गिना गया जिन्हें चुनाव अधिकारी गिनना चाहते थे। प्रार्थी ने इन चुनावों में धांधली बरतने का आरोप भी लगाया है। प्रार्थी ने नियमानुसार पुनः मतगणना करवाने के पश्चात वास्तव में विजयी प्रत्याशी को विधायक घोषित करने की गुहार लगाई है।
हिमाचल हाईकोर्ट में बाहरी विस के वोटरों को रोकने के प्रावधान की याचिका पर सुनवाई टली
प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला की मतदाता सूची में बाहरी विधानसभा के वोटरों को रोकने वाले प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 2 जनवरी 2023 को टल गई। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ के समक्ष कुणाल वर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका के अनुसार शहरी विकास विभाग द्वारा 9 मार्च, 2022 को जारी अधिसूचना के लागू होने से शिमला नगर निगम के 20000 से अधिक मतदाता प्रभावित होंगे और उन्हें मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।
नगर निगम शिमला का नगर क्षेत्र राज्य विधान सभा क्षेत्रों के तीन खंडों अर्थात शिमला शहरी, कसुम्प्टी, शिमला ग्रामीण तक फैला हुआ है। एमसी, शिमला का वर्तमान कार्यकाल 18 जून को समाप्त हो गया था। प्रार्थी का कहना है कि उसका इरादा एमसी, शिमला की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना था परंतु सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर उसे एमसी, शिमला की मतदाता सूची में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। प्रार्थी का आरोप है कि ऐसा पहली बार किया गया है। इस प्रावधान के अनुसार यदि कोई मतदाता उस विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के रूप में पंजीकृत है, जो एमसी, शिमला हिस्सा नहीं है, तो उसे एमसी में निर्वाचक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाएगा।