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रंग पंचमीः देवताओं को समर्पित है रंगों का ये त्योहार
हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी ( Rang Panchami) मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 2 अप्रैल को मनाया जा रहा है। होली ( Holi) के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार आता है। पंचमी तिथि के कारण इसे रंग पंचमी कहते हैं। इस दिन राधा-कृष्ण ( Radha-krishna) को रंग अर्पित किया जाता है और अबीर व गुलाल की छटा देखने को मिलती है। कई स्थानों पर शोभायात्री भी निकाली जाती है। कोरोना( Corona) के चलते इस त्योहार मनाते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
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इस त्योहार को खास तौर से महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा राजस्थान ,मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में भी यह त्योहार मनाया जाता है। लोग सूखे गुलाल के साथ होली खेलते है और साथ में कई पकवान भी बनाए जाते हैं। रंग पंचमी का दिन देवताओं को समर्पित होता है। कहा जाता है कि इस दिन सृष्टि में नई ऊर्जा का संचार होता है। दैवीय शक्तियां नकारात्मक शक्तियों से अधिक होती है। राधारानी के बरसाने में इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा होती है। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेलने का उत्सव मनाया था।