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रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट को भी बरकरार रखा गया है
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा का ऐलान किया है, जिसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसे 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसके साथ ही, दूसरी प्रमुख ब्याज दरों को भी नहीं बदला गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति(एमपीसी) ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा है। साथ ही रिवर्स रेपो रेट और बैंक रेट को भी बरकरार रखा गया है।
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रिजर्व बैंक के फैसले के बाद ब्याज दरें अब भी नीचे बनी रहेंगी, क्योंकि रेपो रेट को 4 फीसदी पर फिर स्थिर रखने का फैसला किया गया है। इसी तरह, रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बनी रहेगी। कई विशेषज्ञ और बाजार विश्लेषक रिवर्स रेपो रेट को बढ़ाने का अनुमान लगा रहे थे, हालांकि, सभी अनुमानों से परे रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि बजट में जो भी आवंटन किए गए हैं, वह ग्रोथ रेट को तेज करने में मददगार होंगे। क्रूड ऑयल की कीमतों पर नजदीकी निगाह रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में मुद्रास्फीति की दर नियंत्रण में है। लेकिन, यही फैक्टर आगे हमारी ग्रोथ को छेड़ सकता है। सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर पर फोकस से डिमांड बढ़ेगी। डिमांड लगातार बढ़ रही है। यह घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि, ग्लोबल फैक्टर दिक्कत बढ़ाने वाले हैं।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्तवर्ष में 9.2% के विकास दर अनुमान को बनाए रखा है, जबकि अगले वित्तवर्ष (2022-23) के लिए 7.8% विकास दर अनुमान का दावा किया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न सिर्फ तेज सुधार की राह पर है, बल्कि इसमें स्थिरता भी आ रही है। इसकी विकास दर को बरकरार रखने के लिए अभी मौद्रिक नीतियों को नरम ही रखा जाएगा। पिछले महीने जारी इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्तवर्ष के लिए 8-8.5% विकास दर का अनुमान लगाया गया था, जबकि आरबीआई का अनुमान इससे कम है।