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संक्रमण से ठीक होने वालों की देश में दर बढ़ी- Himachal में कोरोना के नए मामलों ने बढ़ाई चिंता
देश में इस वक्त 11 राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना (Corona) के सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। वहीं,आठ राज्य ऐसे हैं जहां सक्रिय मामले 50 हजार से एक लाख के बीच हैं। जबकि 17 राज्यों में 50 हजार से कम सक्रिय मामले हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व छत्तीसगढ ऐसे राज्य हैं जहां बडी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन राज्यों में सक्रिय मामलों में कमी दर्ज की जा रही है। ये जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Luv Agarwal, Joint Secretary, Ministry of Health) ने दी। उन्होंने बताया कि तमिलनाडू चिंता विषय बन गया है, जहां बीते एक सप्ताह में सक्रिय मामलों में काफी तेजी देखी गई है। इस सबके बीच देशभर में संक्रमण से ठीक होने वाले की दर यानी रिकवरी रेट में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ये अलग बात है कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) व असम सहित कुछ राज्यों में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।
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वहीं, एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि ब्लैक फंगस के बीजाणु मिट्टी, हवा व भोजन में भी पाए जाते हैं। लेकिन, ये कमजोर होते हैं और आम तौर पर संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं। डॉ गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने कहा कि कोरोना से पहले इस संक्रमण के बहुत कम मामले थे। लेकिन अब कोरोना महामारी के कारण इसके मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) चेहरे, नाक, आंख की ऑर्बिट या दिमाग को प्रभावित कर सकता है जिससे देखने की क्षमता भी जा सकती है। यह फेफड़ों तक भी फैल सकता है। स्टेरॉयड्स इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है। डायबिटीज व कोरोना से पीड़ित और स्टेरॉयड लेने वालों को इससे संक्रमित होने की आशंका ज्यादा रहती है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि वर्तमान में इस फंगल संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) से पीड़ित 23 मरीजों का एम्स में इलाज चल रहा है। इनमें से 20 मरीज अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और बाकी लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।