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नूरपुर-ज्वाली में फोरलेन के 3781 प्रभावितों का राशि लेने से इनकार! ये बन रही बड़ी वजह
रविंद्र चौधरी/नूरपुर | हिमाचल में फोरलेन के दौरान हो रहे जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition) और मुआवजे को लेकर कई तरह की असमंजस की स्थति प्रभावितों के मन में है। ऐसा की कुछ मामला राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154 (National Highway 154) के प्रथम चरण भूमि अधिग्रहण में भी देखा जा रहा है। जहां प्रभावितों के 3781 परिवारों को यही पता नहीं है कि उन्हें मुआवजा दरें किस हिसाब से दी जा रही हैं, जबकि मुआवजा राशि का भुगतान सशर्त अदायगी की प्रिक्रिया चल रही है। ऐसे में फोरलेन संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा (Sudarshan Sharma) प्रशासन पर मुखर हो गए हैं और दो टूक शब्दों में कहा है कि यदि मुआवजों दरों (Compensation Rates) सहित अन्य दुविधाओं पर संज्ञान नहीं लिया जाता है तो तमाम प्रथम चरण के 3781 प्रभावित एसडीएम नूरपुर (SDM Nurpur) परिसर के प्रांगण में धरना देंगे।
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फोरलेन संघर्ष समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि फोर लेन राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154 के प्रथम चरण कंडवाल से भेड़ खड्ड तक 31 मुहाल नूरपुर प्रशासन और आगे सिहूनी तक के 10 मुहाल ज्वाली प्रशासन के अंतर्गत है। इनकी मुआवजा राशि का भुगतान के लिए सशर्त अदायगी की प्रिक्रिया जारी है, लेकिन तमाम प्रभावित जिनमें करीब 3781 परिवार शामिल हैं वो तीन वर्ष से तनाव की जिंदगी बसर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब यदि हम सशर्त फार्म भर कर मुआवजा राशि का भुगतान ले भी लेते हैं तो सरकार यह स्थिति स्पष्ट करे कि भवनों का मुआवजा राशि भुगतान हेतु क्या सीपीडब्ल्यूडी के एसओआर के आधार पर भुगतान होगा या पीडब्लूडी हिमाचल प्रदेश के एसओआर के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
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सुदर्शन शर्मा ने कहा कि स्थिति स्पष्ट न होने कि वजह से तमाम पीड़ित असमंजस की स्थिति में हैं, क्योंकि प्रशासन यह कह कर पल्ला झाड़ रहा है कि हम अभी भवन मुआवजा राशि भुगतान के मामले में अनभिज्ञ हैं, जब सरकार आदेश करेगी हम स्पष्टीकरण दे देंगे। सुदर्शन शर्मा ने कहा कि सरकार पारदर्शिता के आधार पर कार्य नहीं कर रही है, जबकि तमाम पीड़ित अब भयभीत हो कर तनाव में हैं। सुदर्शन शर्मा ने नूरपुर, ज्वाली प्रशासन से कहा कि जब तक भवनों की मुआवजा राशि भुगतान दरों की स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती तब तक हम भू अधिग्रहण का मुआवजा राशि भुगतान नहीं लेंगे। जब तक नूरपुर ,ज्वाली प्रशासन भवन अधिग्रहण की देने जा रही दरों का स्पष्टीकरण नहीं देती तब तक तमाम पीड़ित परिवारों का विरोध जारी रहेगा, क्योंकि भू अधिग्रहण करने जा रही भूमि का मुआवजा राशि का भुगतान नाम मात्र दिया जा रहा है।
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अब उम्मीद भवन की दरों पर मिलने वाले मुआवजे के प्रति रखी है, लेकिन सरकार, प्रशासन पारदर्शिता के आधार पर कार्य न करने की वजह से 3781 परिवारों के साथ धोखा करने जा रही है। सुदर्शन शर्मा ने कहा कि यदि सरकार सात दिनों की भीतर भवन अधिग्रहण की दरों का स्पष्टीकरण नहीं करती है तो तमाम प्रथम चरण के 3781 पीड़ित एसडीएम नूरपुर परिसर के प्रांगण में धरना देंगे। सुदर्शन ने कहा कि फार्म में संशोधन करके फार्म तैयार कर दिया गया है। इसमें हाथ से लिखित संशोधित करके एसडीएम नूरपुर को भी अवगत करवा दिया है, जिसके लिए एसडीएम नूरपुर ने मौखिक रूप से अनुमति दी है।
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